नई दिल्लीः संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया है. पहले ही दिन लोकसभा में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया और मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया. इस अविश्वास प्रस्ताव को स्पीकर सुमित्रा महाजन ने स्वीकार भी कर लिया. अब सूत्रों से मिली खबरों के मुताबिक मोदी सरकार के खिलाफ़ लोकसभा में आए अविश्वास प्रस्ताव पर शिवसेना के रुख पर फैसला पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे करेंगे. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का फैसला आने तक सभी पार्टी सांसदों को इस बारे में कुछ भी बोलने से मना किया गया है.


आपको बता दें की एनडीए में शामिल 18 सांसदों वाली शिवसेना सरकार से नाराज है. अविश्वास प्रस्ताव की बहस छेड़ने वाली टीडीपी के सांसदों ने पिछले दिनों मुंबई जाकर शिवसेना के नेताओं से मुलाकात की थी और अविश्वास प्रस्ताव पर सहयोग की मांग की थी. शिवसेना के इस तरह के रुख के बाद सरकार के लिए कुछ परेशानी की बात हो सकती है कि उसके सहयोगी उसका साथ छोड़ते दिख रहे हैं लेकिन अभी इस पर पार्टी का कोई रुख सामने न आने से सस्पेंस कायम है.


हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि इस वक़्त लोकसभा में संख्या बीजेपी के पास है. लोकसभा की कुल सीटों की संख्या 543 है, जिनमें अभी 9 सीटें खाली हैं यानि इस वक्त लोकसभा के पास कुल 534 सांसद हैं. इस तरह से बहुमत का आंकड़ा 268 होता है. लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी है जिसके पास अकेले ही 272 सांसद हैं यानि बीजेपी अकेले दम पर ही बहुमत साबित करने में न सिर्फ सक्षम है बल्कि उसे बहुमत से 4 सीटें ज्यादा हैं. इसलिए सरकार के पास किसी तरह का कोई खतरा नहीं है.


मोदी सरकार के चार सालों के कार्यकाल में पहली बार विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है. स्पीकर सुमित्रा महाजन ने विपक्ष के इस अविश्वास को स्वीकार करने के बाद संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा है कि सरकार इसपर चर्चा करने के लिए तैयार है. लिंचिंग और दूसरे मुद्दों पर हंगामे के बीच टीडीपी ने लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया जिसका कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों ने भी समर्थन किया.


इस बीच कांग्रेस ने कहा है कि उसके पास नंबर है. यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि कौन कहता है हमारे पास नंबर नहीं है? दरअसल केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी की नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के पास पूर्ण बहुमत है. सरकार ने आज कहा, "अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद सभी चीजें साफ हो जाएंगी. मैं सदन में यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि देश के लोगों का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार में पूर्ण विश्वास है."


दरअसल एनसीपी के तारिक अनवर, सीपीएम के मोहम्मद सलीम, आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिनकार्जुन खड़गे और के सी वेणुगोपाल ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया है.