Shivsena Party Symbol: शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत के एक बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति गरम कर दी है, पत्रकारों से बात करने से पहले रविवार को संजय राउत ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कहा, "मुझे यकीन है... चुनाव चिन्ह और नाम हासिल करने के लिए अब तक 2000 करोड़ के सौदे और लेन-देन हो चुके हैं. यह प्रारंभिक आंकड़ा है और 100 फीसदी सच है. जल्द ही कई बातों का खुलासा होगा. देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ था."


इस ट्वीट के बाद मीडिया से बात करते हुए राउत ने अपने बयान को दोहराया. आपको बता दें कि इलेक्शन कमीशन ने अपने फैसले में शिवसेना नाम और उनका चुनाव चिन्ह यानी कि धनुष बाण महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को दे दिया था. संजय राउत के बयान और उद्धव ठाकरे को मिले झटके के बाद महाराष्ट्र के पुणे में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि जो धोखेबाज होते हैं उन्हें सबक सिखाना पड़ता है.


अमित शाह ने जो कहा सच कहा- विधायक  


गृह मंत्री शाह के बयान को समर्थन देते हुए शिंदे गुट के विधायक सदा सरवनकर ने कहा, "अमित शाह ने जो कहा सच कहा और चुनाव आयोग ने सारी बातों को देख सुनकर ही अपना फैसला सुनाया है, ये किसी की जागीर नहीं है. हम शिवसेना में बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा से प्रभावित होकर थे और उनकी विचारधारा को आगे लेकर जा रहे हैं."


संजय राउत के इसी बयान पर निशान साधते हुए बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने कहा, "संजय राउत कहते हैं कि शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह 2 हजार करोड़ रुपये दिए गए, मुझे आशा है कि संजय राउत और उद्धव ठाकरे कोर्ट में जो याचिका दायर करेंगे उसमे इस आरोप का उल्लेख करेंगे."


बालासाहेब ठाकरे नहीं हैं, इसलिए


वहीं, उद्धव गुट के नेता और सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि गद्दार वह हैं कि हम? गद्दार कौन है पहले यह तय करें. पीठ पर छुरा उन्होंने घोपा है तो वह गद्दार हैं. मुझे पता चला है कि अमित शाह ने बहुत कुछ कहा है. लेकिन 2019 में जब गठबंधन टूटा था तो क्या हमने तोड़ा था? उद्धव ठाकरे संयमित और शांत स्वभाव के इंसान हैं. इसीलिए आपने इतना बड़ा कदम उठाया. आपको लगा कि बालासाहेब ठाकरे नहीं हैं इसीलिए आप यह गद्दारी कर सकते हैं? बीजेपी केवल भ्रम फैला रही है." 


बालासाहेब ठाकरे ने बीजेपी को बचाया था


सांसद अरविंद सावंत ने आगे कहा कि बीजेपी डर रही है इसीलिए बार-बार महाराष्ट्र में आ रही है, क्योंकि उन्हें यकीन है कि महाविकास आघाड़ी मजबूत है. अमित शाह ने जो गंदा शब्द प्रयोग किया, तलवे चाटना. क्या यह सही है? मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि 2018 में मातोश्री पर आप आए थे कि हम आए थे? बालासाहेब ठाकरे ने बीजेपी को बचाया था इसीलिए आज वह प्रधानमंत्री हैं." उन्होंने कहा कि उद्योग विभाग के अधिकारी जो 30 को रिटायर होने वाले थे उन्होंने 19 को इस्ताफा दे दिया था और 20 को उनकी इलेक्शन कमीशन में आयुक्त पद की नियुक्त हुई थी. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी सवाल पूछा था कि इतनी जल्दी क्या थी.


हम चुप नही बैठेंगे- सावंत


संजय राउत के ट्वीट पर अरविंद सावंत ने कहा कि यह सच्चाई है कि इलेक्शन कमीशन बिक चुका है. इसी कारण से सीबीआई, आईटी और अन्य एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है. हम खुलासा करेंगे, हम चुप नही बैठेंगे. कल बैठक हुई थी अब और बैठक होती रहेंगी, क्योंकि इतना बड़ा हमला उन्होंने हम पर किया है इसीलिए हम चुप नही बैठेंगे.


संजय राउत को MNS नेता ने मारने की बात कही


एमएनएस के नेता और प्रवक्ता संदीप देशपांडे ने कहा कि आज संजय राउत जिस प्रकार से मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री को लेकर अश्लील भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं वो बहुत गलत है. संजय राउत को एक कान के नीचे मारना चाहिए, उनका दिमाग खराब हो गया है. संजय राउत का दिमागी संतुलन बिगड़ गया है, जेल में रहने की वजह से उनकी मति भ्रष्ट हो गई है. उद्धव ठाकरे विक्टिम कार्ड खेल रहे हैं, बार-बार बालासाहेब के नाम का सहारा ले रहे हैं. अब उनके पास कुछ बचा नहीं है इसलिए विक्टिम कार्ड खेल रहे हैं. लेकिन उन्हें समझना चाहिए कि मराठी लोग इमोशनल हैं बेवकूफ नहीं हैं.


वहीं, बीजेपी मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलर ने संजय राउत पर अपना बयान देते हुए कहा कि संजय राउत जिस तरह से बात कर रहे हैं ऐसे लोगों के लिए ही लोकमान्य तिलक ने कहा था कि जो लोग नशे में रहते हैं या चरस या चिल्लम का नशा करते है उनकी बातों को ज़्यादा गंभीरता से नहीं लेना चाहिए.


राउत ने कभी चुनाव लड़ा है क्या?


आशीष शेलर ने आगे कहा, संजय राउत जैसे नेता की औकात नहीं कि वो अमित शाह के बारे में कुछ बोलें. वो चड्ढी जो पहनते हैं उसका नाड़ा भी निकलने वाला है, वो अपने जिस नेता के इशारों पर इस तरह के बयान दे रहे हैं उन्हें पहले समझना होगा कि वो क्या हैं? राउत ने कभी चुनाव लड़ा है क्या? वो जनता के बीच गए हैं क्या? दूसरों के टुकड़े पर चुनकर सदन जानेवाले वो नेता हैं. अमित शाह के बारे में बोलने की हैसियत नहीं इसलिए वो जो कुछ भी बोल रहे हैं उसके बारे में पहले सोचें कि कहीं यह इन्हें भारी ना पड़ जाए.


शेलर ने कहा कि उद्धव ठाकरे की बड़े महत्वकांक्षा की वजह से आज इनके ये हालात हुए हैं. जो उनके (उद्धव ठाकरे) साथ थे और पार्टी का मजबूत स्तंभ थे धीरे-धीरे सबको निकाल दिया चाहे वो राणे हों, राज ठाकरे हों वो अपने पारिवारिक प्रॉपर्टी के लिए सगे भाई के खिलाफ ही कोर्ट चले गए तो ऐसे नेता के साथ ऐसा ही होता है. उन्होंने जो बोया वही काटा है. चुनाव आयोग के खिलाफ कोर्ट जाना यह उनकी राय है. इस देश में कोई भी कोर्ट जा सकता है लेकिन इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है. 


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