नई दिल्ली: महाराष्ट्र में 30 नवंबर से पहले सरकार का गठन हो जाएगा. पहले ढाई साल के लिए शिवसेना का मुख्यमंत्री बनेगा इसके बाद एनसीपी सरकार की कमान संभालेगी. कांग्रेस सरकार में शामिल होगी और संख्याबल के मुताबिक तीनों पार्टियों की मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी होगी. इसकी जानकारी देते हुए एनसीपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया है कि अगले दो-तीन दिनों में बात पक्की हो जाएगी. इसके बाद राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा. झारखंड चुनाव के पहले फेज (30 नवम्बर) के पहले सरकार बन जाएगी. कांग्रेस को उम्मीद है कि महाराष्ट्र में सरकार बनने का लाभ उसे झारखंड चुनाव में मिलेगा.


सुत्रों के मुताबिक पहले ढाई साल के लिए शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा, क्योंकि उनकी लड़ाई ढाई साल के मुख्यमंत्री पद के लिए ही है. इसके बाद एनसीपी का मुख्यमंत्री बनेगा. विचारधारा के विरोधाभास के मुद्दे को लेकर एनसीपी के एक नेता ने दावा किया कि शिवसेना का कहना है कि 'हम सबसे लिबरल पार्टी हैं'.

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर एक अहम घटनाक्रम के तहत बुधवार शाम दिल्ली में शरद पवार के घर पर कांग्रेस और एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं के बीच तीन घन्टे बैठक हुई जिसके बाद एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चौहान और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि महाराष्ट्र में जल्द स्थिर सरकार बनेगी.


एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि "महाराष्ट्र में जल्द सरकार बनेगी. तीनों पार्टियों (कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना) के साथ में आए बिना सरकार नहीं बन सकती. तीनों पार्टियां मिलकर सरकार बनाएंगी. इस पर सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है. नवाब मलिक ने ये भी कहा कि सरकार बनाने को लेकर जो भी चर्चा होगी वो दिल्ली में होगी. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस-एनसीपी की बैठक के साथ ही पर्दे के पीछे शिवसेना के साथ भी बातचीत चल रही है. जब बात तय हो जाएगी इसके बाद शिवसेना को औपचारिक रूप से साथ लिया जाएगा और गठबंधन का एलान किया जाएगा.


कांग्रेस-एनसीपी की बैठक में कांग्रेस की तरफ से अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, मल्लिकार्जुन खरगे, पृथ्वीराज चौहान, बाला साहेब थोरात नसीम शामिल हुए वहीं एनसीपी की तरफ से खुद शरद पवार, अजीत पवार, सुप्रिया सुले, छगन भुजबल, नवाब मलिक आदि नेता मौजूद थे. इस बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिल कर उन्हें बैठक के बाबत जानकारी देने गए. बताया गया है कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए दोनों पार्टियों के नेता कम से कम एक बैठक और करेंगे. पृथ्वीराज चौहान ने कहा कि चर्चा सकारात्मक हुई, अभी और चर्चा होगी.


जहां तक न्यूनतम साझा कार्यक्रम की बात है तो उसका फोकस किसानों की कर्जा माफी और नौजवानों को बेरोजगारी भत्ता पर होगा. बैठक में मौजूद एक कांग्रेस नेता के मुताबिक न्यूनतम साझा कार्यक्रम विकास पर आधारित और प्रगतिशील होगा.


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