मुंबई: महाराष्ट्र में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच अब सरकार बनने का रास्ता साफ होता हुआ दिखाई दे रहा है. 56 सदस्यों वाली शिवसेना एनसीपी की मदद से सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है. इसके लिए शिवसेना को एनसीपी की शर्तें माननी होंगी. वैकल्पिक फार्मूले के तहत शिवसेना को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटना होगा. शिवसेना भी एनडीए से अलग होने को तैयार है. शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने केंद्रीय मंत्रिपद से अलग होने को लेकर ट्वीट किया है. जिसमें उन्होंने सरकार से अलग होने का एलान किया है. अपने ट्वीट में उन्होंने ये भी कहा, “शिवसेना का पक्ष सच्चाई है. इतने झूठे माहौल में दिल्ली सरकार में क्यों रहें? इसीलिए मैं केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे रहा हूं.''
कैसे बनेगी शिवसेना की सरकार
शिवसेना के पास 56 विधायक हैं. महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटे हैं. किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए 145 का जादुई आंकड़ा चाहिए. ऐसे में अगर 54 सीटों वाली शरद पवार की पार्टी एनसीपी का समर्थन शिवसेना को मिल जाता है तो आंकड़ा 110 पहुंच जाता है. उसके बाद शिवसेना को सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए और 35 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी.
सूबे में अन्य पार्टियों और निर्दलियों के खाते में 27 सीटें गई हैं, जबकि कांग्रेस के पास 44 सीटें हैं. चूंकि बहुमत के लिए शिवसेना गठबंधन को एनसीपी के अलावा 35 सीटें दरकार हैं. ऐसे में उसके पास कांग्रेस के समर्थन के अलावा कोई चारा नहीं है. अगर कांग्रेस शिवसेना और एनसीपी साथ में आ जाती हैं तो ये गठबंधन बहुमत का जादुई आंकड़ा आसानी से पार कर रहा है. तीनों की सीटें 154 पर पहुंच जाती हैं.
सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना नेता संजय राउत आज शरद पवार से मुलाकात करेंगे. इसके बाद वो सोनिया गांधी से भी मिल सकते हैं. कहा तो ये भी जा रहा है कि उद्वव ठाकरे भी सोनिया गांधी से फोन पर बात कर सकते हैं. अब अगर 44 सीटों वाली कांग्रेस भी एनसीपी के साथ शिवसेना को समर्थन देने पर मुहर लगा देती है तो सरकार गठन का रास्ता साफ हो सकता है.
आज तक का है वक्त
इससे पहले सरकार बनाने के लिए राज्यपाल ने बीजेपी को न्यौता दिया था. जिसके बाद पार्टी सरकार बनाने से पीछे हट गई थी. लेकिन अब जबकि शिवसेना एनसीपी-कांग्रेस की मदद से सरकार बनाने को तैयार है तो शिवसेना को आज शाम 7.30 बजे तक राज्यपाल को जवाब देना होगा.