NEET 2024: पूरे देश में इस समय नीट परीक्षा में ग्रेस मार्क्स और ज्यादा टॉपर आने पर बवाल मचा हुआ है. आरोप लगाए जा रहे हैं कि पटना और गोधरा में इस परीक्षा को लेकर बड़ी धांधली हुई है. विपक्ष भी लगातार इस मुद्दे पर सरकार पर हमलावर है. 


इसी कड़ी में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में नीट परीक्षा को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोलै गया है. इसके अलावा सीबीआई जांच की भी मांग उठाई गई है. 


पेपर लीक करने के लिए हुआ गुजरात पैटर्न का इस्तेमाल


मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा गया कि जिस तरह सरकारी और विधायक सांसदों को तोड़ने के लिए वाया सूरत, गुजरात पैटर्न का इस्तेमाल किया गया था, उसी तर्ज पर नीट परीक्षा पेपर लीक करने के लिए नए गुजरात पैटर्न वाया गोधरा का इस्तेमाल किया गया. नीट परीक्षा घोटाले का गुजरात कनेक्शन बुरी तरह से चिढ़ पैदा करनेवाला है. 5 मई को देशभर से करीब 23 लाख स्टूडेंट्स ने यह परीक्षा दी थी, लेकिन पेपरों की बिक्री से लेकर अंकों के अवैध वितरण की ग्रेस पद्धति और परिणामों की घोषणा तक हर स्तर पर घोटाले जारी रहे.


उन्होंने आगे कहा, ' इन रिकॉर्ड घोटालों के चलते इस साल नीट परीक्षा में 720 में से 720 अंक लानेवाले टॉपर्स की संख्या 67 तक पहुंच गई. पिछले साल टॉपर्स की यही संख्या सिर्फ दो थी. गुजरात के गोधरा में जय जलाराम स्कूल में नीट परीक्षा केंद्र पाने के लिए 10 लाख रुपए की बोली लगाई गई, क्योंकि वडोदरा में एक कोचिंग क्लासेज के संचालक ने नीट पेपर को लीक करने और अधिकतम अंक लाने की जिम्मेदारी ली थी.


छात्रों से ली गई लाखों की रिश्वत


आरोप लगाते हुए उन्होंने आगे लिखा, 'कोचिंग सेंटर के निदेशक परशुराम रॉय और जय जलाराम स्कूल के शिक्षक तुषार भट्ट ने मिलकर नीट परीक्षा में टॉप अंक अर्जित करने की एक दुकान गोधरा में सजा ली थी. पैसे फेंककर उपलब्ध कराई गई नीट में सफलता की गारंटी वाला गुजरात का शॉर्टकट एजेंटों के माध्यम से देश के कई छात्रों तक पहुंच गया. इसलिए बिहार, झारखंड, ओडिशा, कर्नाटक आदि राज्यों के छात्रों ने अपने घर के पास परीक्षा केंद्र का विकल्प छोड़कर हजारों किलोमीटर दूर गुजरात के गोधरा के परीक्षा केंद्र को चुना. इसके लिए इन छात्रों के अभिभावकों ने एजेंटों को लाखों रुपए की रिश्वत दी. अभिभावकों से 12 करोड़ रुपए ऐंठने के बाद छात्रों को सफलता का रास्ता बताया गया. विद्यार्थियों को आश्वस्त किया गया कि जिन प्रश्नों के उत्तर आपको नहीं आते, उस स्थान को खाली छोड़ दें, परीक्षा के बाद हम उत्तर पुस्तिका में आपके द्वारा छोड़े गए प्रश्नों के सही उत्तर भर देंगे.' 


बिहार में हुआ पेपर लीक


गुजरात की तरह बिहार में भी नीट का पेपर लीक हो गया. परीक्षा से एक दिन पहले यानी 4 मई को पटना में पेपर लीक करनेवाला एक गिरोह पैसे देकर 25 छात्रों को एक हॉस्टल में ले गया. वहां इन विद्यार्थियों को उत्तर सहित प्रश्नपत्र दिए गए. अगले दिन परीक्षा में सभी को हू बहू वही प्रश्नपत्र मिला. पेपर लीक में शामिल गिरोह ने देश के कितने राज्यों और शहरों में वारदात को अंजाम दिया है, यह तो वही गिरोह जानता है. यह देश की सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा का दर्जा रखती है जहां नीट परीक्षा को मेडिकल, डेंटल और आयुष चिकित्सा शाखाओं के प्रवेश द्वार के रूप में देखा जाता है. यह घोटाला उन शासकों की नाक के नीचे हुआ जो सुशासन और पारदर्शिता जैसी बड़ी बड़ी की बातें कर रहे थे. 


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उठाई सीबीआई जांच की मांग


नीट परीक्षा में महाघोटाले की गुंजाइश को देखते हुए पिछली परीक्षा को रद्द कर इस पूरी परीक्षा को नए सिरे से आयोजित किया जाना चाहिए. पेपर लीक के गुजरात पैटर्न और और टॉपर्स की फौज देनेवाले इस परीक्षा घोटालों की सीबीआई जांच की जानी चाहिए और नीट के लाखों विद्यार्थियों को न्याय अवश्य मिलना चाहिए.