मुंबई/नई दिल्लीः कुछ दिनों से भाजपा और महाराष्ट्र सरकार में सहयोगी पार्टी शिवसेना के बीच तल्खियों की खबरों के चलते राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं गर्म थीं कि शायद शिवसेना सरकार से हट सकती है. हालांकि आज महाराष्ट्र सरकार से शिवसेना के हटने की अटकलों को खारिज करते हुए शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने कहा कि पार्टी ‘‘जनता के हितों की रक्षा के लिए सत्ता में बनी रहेगी.’’


भाजपा के साथ शिवसेना के तल्ख रिश्तों में तब और तनाव आ गया था जब उसके सांसद संजय राउत ने हाल में कहा कि उनकी पार्टी जल्द ही फैसला करेगी कि उसे महाराष्ट्र में फडणवीस नीत गठबंधन सरकार में रहना है या नहीं. बहरहाल, पार्टी मुखपत्र ‘सामना’ में आज के संपादकीय में कहा गया है कि ‘‘जब विधानसभा चुनाव दो साल बाद होने जा रहे हैं तो पार्टी गठबंधन नहीं तोड़ेगी और जनता के हितों की रक्षा के लिए सत्ता में बनी रहेगी.’’ फडणवीस सरकार में 39 सदस्यीय मंत्रिमंडल में शिवसेना के 12 मंत्री हैं. इनमें पांच कैबिनेट स्तर के हैं. केन्द्र में राजग सरकार में शिवसेना का एक मंत्री है.


शिवसेना मुखपत्र ने एल्फिंस्टन रोड ओवरब्रिज हादसे पर मोदी सरकार पर तीखा हमला किया और आरोप लगाया कि उसकी बेरूखी के चलते ही कल यह हादसा हुआ. शिवसेना ने बुलेट ट्रेन परियोजना की भी तीखी आलोचना की और कहा, ‘‘जब आप लोकल ट्रेन के यात्रियों को बुनियादी ढांचा प्रदान नहीं कर सकते तो बुलेट ट्रेन का क्या उपयोग.’’