Google के होमपेज पर बना कोलकाता के नन्हे श्लोक का डूडल, मासूम हाथों की कलाकारी ने जीता सबका दिल
Google Doodle: गूगल ने श्लोक मुखर्जी को 5 लाख रुपये की कॉलेज स्कॉलरशिप और स्कूल के लिए 2 लाख रुपये का टेक्नोलॉजी पैकेज देने का एलान किया है.
Shlok Mukherjee Google Doodle: दिग्गज कंपनी गूगल ने भारत में चिल्ड्रेन्स डे बेहद अनोखे तरीके से मनाया. बीते दिन (14 नवंबर) गूगल की ओर से डूडल फॉर गूगल कॉम्पिटिशन का आयोजन किया गया था. इसमें भारत के 100 शहरों से पहली से 10वीं क्लास के 1,15,000 बच्चों ने हिस्सा लिया था. इस कॉम्पिटिशन में कोलकाता के 9 साल के नन्हे श्लोक मुखर्जी ने अपने हुनर के दम पर बाजी मारी है. उनका बनाया डूडल बीते पूरा दिन सर्च इंजन पर देखा गया.
अगर आपने भी चिल्ड्रेन्स डे के दिन गूगल के इस खास डूडल पर ध्यान दिया होगा तो आप प्यारे हाथों से बना यह डूडल पहले ही देख चुके हैं. 'इंडिया ऑन द सेंटर स्टेज' टाइटल वाला यह आर्टवर्क नौ साल के श्लोक मुखर्जी के दिमाग की उपज है. वह अपनी कला को दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन के होमपेज पर ले आया. श्लोक की कलाकृति को 'डूडल फॉर गूगल 2022' प्रतियोगिता में विजेता के रूप में चुना गया.
'25 साल बाद भारत'
श्लोक के पिता सुमन मुखर्जी ने बताया कि उन्हें Google के इस कॉम्पिटिशन के बारे में पता लगा था, जिसका विषय था '25 साल बाद भारत'. श्लोक ने केवल यह देखने के लिए हिस्सा लिया था कि आखिर यह प्रतियोगिता कैसी है. टॉपिक मिलते ही वह अपना डिजाइन बनाने लगा. उसका मकसद भारत के आयुर्वेद, अंतरिक्ष यात्रा और प्रकृति को एक मंच पर दिखाना था. इन छह दिनों में सबसे ज्यादा यह सोचने में समय लगा कि क्या बनाया जाए.
कैसे चुने गए विजेता
गूगल ने बताया कि जजों की एक टीम ने 20 डूडल को फाइनल किया गया था. जजों की टीम में टिंकल कॉमिक्स, कुरियाकोस वैसियन के एडिटर-इन-चीफ जैसी प्रमुख हस्तियां शामिल थीं. इन सभी डूडल को ऑनलाइन वोटिंग के लिए प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया गया था. इसमें आर्टिस्टिक मेरिट, क्रिएटिविटी, कॉन्टेस्ट की थीम के साथ अलाइनमेंट को आधार बनाया गया. इसके साथ ही विजेताओं को चुनने के लिए हुई वोटिंग में पांच लाख लोगों ने हिस्सा लिया था.
5 लाख रुपये स्कॉलरशिप
गूगल श्लोक को 5 लाख रुपये की कॉलेज स्कॉलरशिप और स्कूल के लिए 2 लाख रुपये का टेक्नोलॉजी पैकेज भी देगा. श्लोक मुखर्जी कोलकाता के न्यूटाउन में दिल्ली पब्लिक स्कूल में पढ़ते हैं. उन्होंने अपने डूडल के बारे में बताया कि अगले 25 वर्षों में, मेरा भारत वैज्ञानिकों को मानवता की भलाई के लिए अपने स्वयं के पर्यावरण के अनुकूल रोबोट बनाएगा.
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