मुंबईः कश्मीर पर शोभा डे के लेखन को प्रभावित करने के भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित के दावों पर जवाब देते हुए प्रसिद्ध स्तंभकार ने उनके बयान को, “खतरनाक, दुर्भावनापूर्ण’’ करार दिया है. डे ने कहा कि वह देशभक्त भारतीय हैं और बासित के दावों से “बुरी तरह अपमानित” महसूस कर रही हैं. बासित को 2014 में भारत के लिए पाकिस्तान का उच्चायुक्त नियुक्त किया गया था और वह चार साल तक इस पद पर रहे.


ट्विटर पर सामने आए एक वीडियो साक्षात्कार में बासित ने दावा किया कि हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी के जुलाई 2016 में मारे जाने के बाद, प्रदर्शनकारियों पर पैलेट गन का प्रयोग किया गया और कुछ आर्थिक अवरोध लगाए गए जिसके बारे में किसी पत्रकार ने नहीं लिखा.


बासित ने दावा किया कि कश्मीर के “आत्म निर्णय के अधिकार’’ के पक्ष में लेख लिखवाने के लिए किसी भी भारतीय पत्रकार को रजामंद करना उनके लिए चुनौतीपूर्ण था जब तक कि उनकी मुलाकात डे से नहीं हुई जिन्होंने इस पर “सहमति’’ जताई और उन्होंने अपने एक स्तंभ में लिखा, “अब इस मुद्दे को जनमत संग्रह के माध्यम से हमेशा के लिए सुलझाने का वक्त आ गया है.”


पूर्व राजदूत के सनसनीखेज दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए डे ने ट्विटर पर एक वीडियो में कहा कि सामान्य तौर पर उन्होंने इस टिप्पणी को बिना प्रतिक्रिया दिए नजरअंदाज कर दिया होता “लेकिन झूठ का पर्दाफाश करना बहुत जरूरी है.”


उन्होंने कहा, “खासकर तब जब यह एक निंदनीय व्यक्ति की ओर से किया गया हो जो न सिर्फ मुझे बल्कि भारत को भी बदनाम करने के लिए कहानी बना रहा हो.”


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