चुनाव बाद अत्याचारों का सामना करने वाले बेघर परिवारों की स्थिति से स्तब्ध हूं: जगदीप धनखड़
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा कि वह उन कई परिवारों के हालात को देखकर स्तब्ध हैं, जिन्होंने कथित तौर पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के अत्याचारों का सामना किया और उन्हें बेघर होना पड़ा.
नंदीग्राम: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा कि वह उन कई परिवारों के हालात को देखकर स्तब्ध हैं, जिन्होंने कथित तौर पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के अत्याचारों का सामना किया और उन्हें बेघर होना पड़ा. राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर चुनाव नतीजों के आने के बाद भड़की हिंसा पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया.
धनखड़ ने आश्चर्य व्यक्त कि क्या मुख्यमंत्री ने चुनाव नतीजों के बाद हुई हिंसा से प्रभावित और पूर्व मेदिनीपुर के नंदीग्राम इलाके के शरणार्थी शिविरों में रह रही महिलाओं और बच्चों का क्रंदन सुना है. उन्होंने हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात की, जिन्होंने केंदेमारी, बंकिम मोड़, चिलाग्राम, नंदीग्राम बाजार और टाउन क्लब इलाकों में शरण ली है.
सीतलकुची की घटना
राज्यपाल ने कहा कि तृणमूल प्रमुख कूचबिहार के सीतलकुची में केंद्रीय बलों की गोली से चार लोगों की मौत को ‘जनसंहार’ करार देती हैं, लेकिन नंदीग्राम की स्थिति पर चुप हैं. धनखड़ ने कहा, ‘‘आप सीतलकुची की घटना को सुनियोजित हत्या और जनसंहार कहती हैं. क्या आपने नंदीग्राम की महिलाओं और बच्चों के रोने की आवाज सुनी, जहां पर लाखों लोग बेघर हुए हैं?’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें पश्चिम बंगाल के हालात को देखकर दुख होता है. भारत ने ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं देखी थी. राज्य एक तरह से ज्वालामुखी पर बैठा है.’’ शिविरों में रहने वाले लोगों ने दावा किया कि वे दो मई को चुनाव नतीजे आने के बाद नंदीग्राम स्थित अपने घरों से भागने को मजबूर हुए. उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने उनके घरों में लूटपाट की.
राज्यपाल ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को लोगों का दर्द समझना चाहिए. उन्हें यहां और अन्य स्थानों पर चुनाव नतीजों के बाद हुई हिंसा पर ध्यान देना चाहिए.’’ गौरतलब है कि धनखड़ ने गुरुवार को कूचबिहार के विभिन्न स्थानों का दौरा किया और कथित तौर पर चुनाव बाद हुई हिंसा के प्रभावितों से मुलाकात की.
राज्यपाल को सीतलकुची में काले झंडे दिखाए गए और दिनहाटा इलाके में ‘वापस जाओ’ के नारे लगाए गए. धनखड़ ने शुक्रवार को असम के रनपगली स्थित शिविर का भी दौरा किया, जहां पर कई परिवारों ने शरण ली है. भाजपा समर्थक होने का दावा करने वाले इन लोगों को चुनाव के बाद अत्याचारों का सामना करना पड़ा.