(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Madarasa Survey: बिजनौर में 450 से ज्यादा गैर मान्यता प्राप्त मदरसे, फंडिंग से लेकर स्ट्रक्चर तक, ग्राउंड रिपोर्ट में पढ़िए पूरा सच
Madarsa Survey: ABP की टीम 104 साल पुराने मदरसे पर पहुंची, जहां मैनेजर ने बताया कि उन्हें कहीं से फंडिंग नहीं होती है और वो चंदे से मदरसा चला रहे हैं.
Madarsa Survey in UP: उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से प्रदेश में मदरसों का सर्वे (Madarsa Survey) करवाया जा रहा है. इस सर्वे के शुरुआती आंकड़े जब सामने आए तो वे चौंकाने वाले थे, क्योंकि प्रदेश में तकरीबन 5 हज़ार से ज्यादा ऐसे मदरसे चल रहे हैं जो गैर मान्यता प्राप्त है. इसमें कई जिले है ऐसे है जिसमें गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का आंकड़ा भी काफी बड़ा है. वहीं, एबीपी न्यूज़ की टीम ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करने के लिए दिल्ली से तकरीबन 200 किलोमीटर दूर बिजनौर (Bijnor) पहुंची.
इस दौरान एबीपी न्यूज की टीम सबसे पहले अंजुमन फातिमा यतामा वल मदरसिल इस्लामिया मदरसा में पहुंची. बताया जा रहा है कि यह मदरसा 100 साल से ज्यादा पुराना है, लेकिन जब इसका सर्वे हुआ तब इस मदरसे में कुछ कमियां भी सामने आईं. हालांकि अभी कोई पुख्ता रिपोर्ट इसको लेकर आधिकारिक तौर पर सामने नहीं आई है. वहीं, सूत्र बता रहे हैं कि सर्वे के दौरान कई बिंदु ऐसे थे जिस पर यह मदरसा खरा नहीं उतर रहा है.
104 साल पुराना है मदरसा
इस मदरसे के मैनेजर ज़ुल्फ़िक़ार और इक़बाल अहमद ने बताया कि हमारा मदरसा गैर मान्यता प्राप्त नहीं है. ये मदरसा 104 साल पुराना है 1956 से रजिस्टर्ड है. साल 2021 तक ऑडिट कम्पलीट है.
वहीं, फंडिंग को लेकर जब सवाल किए गए तो मदरसे के मैनेजर का जवाब था कि फंडिंग हमारे पास है ही नहीं हम चंदा लेकर अपना मदरसा चलाते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार और बंगाल के बच्चों को रखा हुआ है और उनके नाम पर फंडिंग इकट्ठा होती है यह गलत है. सिर्फ दीनी तालीम दी जा रही है.
इस्लामिया अरबिया फैज़ुल इस्लाम मदरसा को जानिए
इसके बाद हम बिजनौर के दूसरे इलाकों में इस्लामिया अरबिया फैज़ुल इस्लाम मदरसा पहुंचे. यहां भी बताया गया कि एक गैर मान्यता प्राप्त मदरसा है, जो बाहर से देखने में काफी ठीक-ठाक था यानि की बिल्डिंग ठीक बनी हुई थी, जब अंदर दाखिल हुए तो वहां कुछ बच्चे दीनी तालीम ले रहे थे.
इस मदरसे में 35 बच्चे हॉस्टल में रहते हैं जो कि सिर्फ दीनी तालीम ले रहे हैं और बाकी पूरे दिन यहां ढाई सौ के करीब बच्चे आते हैं, जिनमें कुछ बच्चे ऐसे हैं जो अपना स्कूल सुबह में पढ़ने के बाद शाम में ही आते हैं.
मदरसा मान्यता प्राप्त नहीं, मिली मिली सरकार से फंडिंग
इस मदरसे के मैनेजर इरशाद अहमद अंसारी ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि उनका मदरसा मान्यता प्राप्त नहीं है. साथ ही कहा कि साल 1965 में रजिस्ट्रेशन हुआ था और इसको कुछ सालों तक सरकार की तरफ से फंडिंग भी आई थी, लेकिन उसके बाद इसकी देखरेख और डॉक्यूमेंटेशन नहीं हो पाया, जिसके बाद फिलहाल यह गैर मान्यता प्राप्त है.
मौलाना फुरकान ने मदरसे सर्वे का किया स्वागत
बिजनौर (Bijnor) जिले के ही मौलाना फुरकान ने बताया कि उनका मदरसा 32 सालों से चल रहा है और मान्यता प्राप्त है. उनके मदरसे का भी सर्वे हुआ, लेकिन फिलहाल उनका नाम अभी उस लिस्ट में नहीं है, जो गैर मान्यता प्राप्त है. उन्होंने एबीपी न्यूज से कहा कि सर्वे (Madarsa survey) सरकार की तरफ से कराया गया है इसका हम स्वागत करते हैं और जो मदरसे गैर मान्यता प्राप्त हैं उनको अपने डॉक्यूमेंटेशन पर काम करना चाहिए और अपनी कमियों को दूर करना चाहिए यह बहुत अच्छा हुआ है. इससे हमें अपनी कमियों का पता चला है.
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