नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शोपियां फायरिंग मामले में मेजर आदित्य कुमार के खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई न करने को कहा है. मेजर के ऊपर दर्ज एफआईआर पर सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर और केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. दोनों को 2 हफ्ते में जवाब देना है.


क्या है मामला?
27 जनवरी को कश्मीर के शोपियां में 10 गढ़वाल रेजिमेंट के जवानों पर पत्थरबाज़ों ने हमला कर दिया था. सेना की जवाबी कार्रवाई में भीड़ के 2 लोग मारे गए थे और कुछ घायल हुए थे.


सेना की इस टुकड़ी का नेतृत्व मेजर आदित्य कुमार कर रहे थे. घटना के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस ने मेजर आदित्य और उनके साथियों पर एफआईआर दर्ज की. एफआईआर में हत्या और हत्या के प्रयास के आरोप लगाए गए.


पिता की याचिका दाखिल
मेजर आदित्य के पिता ले. जनरल (रिटा.) करमवीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर एफआईआर रद्द करने की मांग की. याचिका में ये कहा गया कि सैनिकों ने कार्रवाई आत्मरक्षा में की. ये कार्रवाई तब की गई जब भीड़ काफी हिंसक हो गई थी. पत्थरबाज़ों ने एक जवान को घेर कर बुरी तरह मारना शुरू कर दिया था.


याचिका में ये भी कहा गया कि ऐसी कार्रवाई का डर रहते सैनिक के लिए अपना फर्ज निभाना मुश्किल हो जाएगा. इसलिए कोर्ट को ऐसे मामलों पर गाइडलाइन बनाना चाहिए.


कोर्ट ने दी अंतरिम राहत
याचिकाकर्ता के वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में तुरंत राहत देना ज़रूरी है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने उनसे कहा कि वो याचिका की कॉपी राज्य और केंद्र सरकार को सौंपें. दोनों 2 हफ्ते में इस पर जवाब दें.


रोहतगी ने एक बार फिर राहत की मांग दोहराई. इस पर कोर्ट ने कहा कि फिलहाल राज्य पुलिस सेना के जवानों के खिलाफ किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई न करे.


पत्थरबाज़ों का मुकदमा वापस लेने पर भी नोटिस
आज सुप्रीम कोर्ट ने एक और याचिका पर भी नोटिस जारी किया. इस याचिका में जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाज़ों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का विरोध किया गया है. कोर्ट ने J&K सरकार, केंद्रीय गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय से जवाब मांगा है.