नई दिल्ली: 8 जून से देशभर में शॉपिंग मॉल्स को भी खोलने की अनुमति मिली है. ऐसे में शॉपिंग मॉल जाने से पहले आपको यह जान लेना जरूरी है कि पहले की तुलना में अब शॉपिंग मॉल में आना-जाना, खाना-पीना और शॉपिंग करना काफी बदल सकता है. किस तरह का बदलाव होने जा रहा है जानिए इस रिपोर्ट में.


नए नियमों के मुताबिक मॉल के एंट्री गेट पर शरीर के तापमान की जांच होगी, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए एंट्री गेट और मॉल के अंदर पंक्ति में खड़े होने पर दो व्यक्तियों के बीच कम से कम 6 फुट की दूरी रहेगी. चेहरा ढंकने या मास्क पहने हुए और आरोग्य सेतु दिखाने वाले लोगों को ही मॉल में प्रवेश की अनुमति मिलेगी.


लॉकडाउन से पहले तक अमूमन शॉपिंग मॉल में रोजाना हजारों लोग पहुंचते थे. इसी को ध्यान में रखते हुए जो दिशानिर्देश दिए गए हैं उनमें साफ तौर पर कहा गया है कि मॉल में कोरोना संक्रमण से बचाव के तरीकों को बताने वाले संदेश ऑडियो-विजुअल माध्यमों से प्रदर्शित किए जाएं. मॉल आने वाले लोगों के लिए थूकने पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी इसके लिए मॉल प्रबंधन को पर्याप्त संख्या में कर्मचारी तैनात करने होंगे ताकि वो सोशल डिस्टेंसिंग के पालन पर नजर रख सकें.


हालांकि मॉल में फूड कोर्ट और रेस्टोरेंट को खोलने की अनुमति तो मिली हुई है लेकिन इसके साथ ही उनको लेकर भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं. दिशा निर्देशों में कहा गया है कि वहां मौजूद स्टाफ पूरी सावधानी बरते जिसमें मास्क लगाना, दस्तानें पहनना और यह सुनिश्चित करना कि वह किसी तरह से अस्वस्थ न हों. जोर इस बात पर दिया जाएगा की कम से कम लोग रेस्टोरेंट में बैठकर खाएं और अगर खा भी रहे हैं तो वहां पर भी लगातार सैनिटाइज किया जाता रहे.


इसके साथ ही सरकार के द्वारा जारी निर्देशों में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि मॉल क्योंकि सेंट्रलाइजड एसी वाले होते हैं लिहाजा वहां पर कितने टेंपरेचर पर एसी को चलाया जाए और जो लोग लिफ्ट और एस्केलेटर का इस्तेमाल करते हैं उनको भी सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में लगातार याद दिलाया जाए.


सरकार ने मॉल खोलने को लेकर जो दिशा-निर्देश जारी किए हैं उसके बाद से अब मॉल प्रशासन ने अपने कर्मचारियों को इस बात का निर्देश तो दे ही दिया है कि मॉल में लगातार सैनिटाइजेशन और डिसइन्फेक्शन का काम चलता रहे. साथ ही मॉल के कर्मचारी भी खुद की सुरक्षा को लेकर पूरी सावधानी बरतें.


सरकार ने इसके साथ ही 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं, 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को तभी बाहर निकलने की सलाह दी है जब कोई बहुत जरूरी काम हो वरना घर पर ही रहे.


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