नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी इन्द्रेश कुमार ने कहा है कि कश्मीर में पाकिस्तान का झंडा फहराने और देश में मिनी पाकिस्तान कहे जाने वाले क्षेत्रों के खिलाफ फतवा जारी करना चाहिए.
उन्होंने दावा किया, हम सभी हिन्दुस्तानी हैं और जिस देश में रहते हैं उसका नाम हिन्दुस्तान है. इसलिए यहां के किसी क्षेत्र को पाकिस्तान या मिनी पाकिस्तान नहीं कहा जा सकता है. कुमार ने कहा, कुछ क्षेत्र हैं जहां मकानों की छतों पर पाकिस्तानी झंडा फहराया जा रहा है. क्या यह इस्लाम के अनुरूप है और क्या वे अच्छे मुसलमान हैं? ऐसे में देवबंद उनके खिलाफ फतवा क्यों नहीं जारी करता है. आरएसएस के मुसलमान मोर्चा मुस्लिम राष्ट्रीय मोर्चा की ओर से आयोजित इफ्तार की दावत में उन्होंने ये बातें कहीं.
उन्होंने सवाल किया, क्या रमजान के पाक महीने में पाकिस्तानी झंडा फहराने वाले और सुरक्षा बलों पर पथराव करने वाले सच्चे मुसलमान हैं? कुमार ने कहा, आपको नहीं लगता कि देवबंद को घाटी में पथराव करने वालों के खिलाफ फतवा जारी करना चाहिए. मुसलमानों को बीफ नहीं खाने की सलाह देते हुए आरएसएस पदाधिकारी ने कहा, बीफ एक बीमारी है, इसके स्थान पर दूध का सेवन करना चाहिए. गाय का दूध स्वास्थ्य के लिए अच्छा है. उसमें औषधीय गुण हैं. उन्होंने दावा किया है कि कुरान में किसी मुसलमान धर्मगुरू यहां तक कि पैगंबर मुहम्मद के भी बीफ खाने का कोई जिक्र नहीं है.
इसपर जोर देते हुए कि एक-साथ तीन बार तलाक बोलना इस्लाम का हिस्सा नहीं है, उन्होंने कहा, यह परंपरा महिलाओं के प्रति अन्याय है. इसे खत्म होना चाहिए. उन्होंने दावा किया, मैंने इस्लाम के कई बुद्धिजीवियों और धर्मगुरूओं से सवाल किया है कि वे कुरान में लिखी बातों के स्थान पर शरिया को क्यों मानना चाहते हैं? लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया. वे सिर्फ एक-साथ तीन बार तलाक बोलने के विरोध को शरिया के साथ हस्तक्षेप मानते हैं, कुरान के साथ नहीं.
बाबरी मस्जिद के मुद्दे पर कुमार ने दावा किया कि मुगल शासक बाबर एक मंगोल था और उसने मौजूदा राम मंदिर को ध्वस्त कर वहां अपने नाम पर मस्जिद बनाया. उन्होंने दावा किया कि पूरा घटनाक्रम बर्बर था, वह इस्लाम के मुताबिक नहीं था. कोई दूसरे धर्म के पवित्र स्थल को तोड़कर मस्जिद नहीं बना सकता.