आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी ने न सिर्फ शानदार प्रदर्शन किया बल्कि 5 साल बाद सत्ता में प्रचंड बहुमत के साथ वापसी भी की. 175 सीटों वाले आंध्र में टीडीपी ने 135 सीटों पर जीत हासिल की. जबकि टीडीपी की सहयोगी जनसेना पार्टी को 21 और बीजेपी को 8 सीटों पर जीत मिली. नायडू की आंध्र में इस जीत के पीछे प्रशांत किशोर के एक पुराने सहयोगी का दिमाग माना जा रहा है.


आंध्र प्रदेश में टीडीपी के लिए इस बार शो टाइम ने रणनीति बनाई थी. शो टाइम ने टीडीपी के पुनर्निर्माण, कैडर में जोश भरने और सीधा संचार नेटवर्क स्थापित करने के लिए विस्तृत योजना बनाई, जिससे न सिर्फ पार्टी राज्य में फिर से खड़ी हुई बल्कि ऐतिहासिक जीत भी दर्ज की. 


पीके के पूर्व सहयोगी ने बनाई शो टाइम


2019 में 23 विधानसभा और तीन संसदीय सीटें जीतने वाली टीडीपी ने राज्य में 136 सीटें जीतीं, जबकि लोकसभा चुनाव में 16 सीटों पर जीत हासिल की. पार्टी के इस प्रदर्शन में रॉबिन शर्मा की शो टाइम कंसल्टिंग ने अहम भूमिका निभाई है. 2019 में टीडीपी करारी हार मिली थी. इसके बाद रॉबिन शर्मा ने पार्टी सुप्रीमो एन चंद्रबाबू के साथ मिलकर पार्टी के भीतर की खाई को पाटने और इसे मजबूत करने के लिए काम करना शुरू किया.


शो टाइम की स्थापना रॉबिन ने शांतनु सिंह के साथ मिलकर की, वे शो टाइम के निदेशकों में से एक हैं, उन्होंने टीडीपी के लिए खास रणनीति तैयार की. रॉबिन प्रसिद्ध चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर, ऋषि राज सिंह और सुनील कनुगोलू के साथ I-PAC की स्थापना में शामिल थे. 2019 में YSRC ने जब जीत हासिल की, तब इसका श्रेय प्रशांत किशोर की IPAC को दिया गया और 2024 में भी IPAC और ऋषि राज सिंह ने जगन मोहन रेड्डी का कैंपेन जारी रखा.


कैसे बनाई रणनीति? 


शो टाइम ने सबसे पहले राज्य में सत्ताधारी वाईएसआरसी के खिलाफ लोगों में पनप रहे गुस्से और असंतोष की पहचान की और इसे टीडीपी के समर्थन में बदला. फिर टीडीपी के कैडर को प्रेरित करने के लिए चुनावी जीत हासिल करने पर फोकस किया. 


शो टाइम  का कहना है कि चुनाव से लगभग तीन से चार महीने पहले 200 सदस्यों वाला 24 घंटे का वॉर रूम स्थापित किया गया था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पार्टी की कहानी जनता तक पहुंचाई जा सके. इसके बाद कैडर को एक साथ मिलकर काम करने के लिए प्रेरित किया गया. पार्टी के कैडरों को, जिन्हें उम्मीदवारों ने हर निर्वाचन क्षेत्र में अपने-अपने कार्यालयों में नियुक्त किया था, उन्हें विधानसभा वॉर रूम का हिस्सा बनाया गया.


शो टाइम ने चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक पहलुओं का ध्यान रखा. इसमें मीडिया और सोशल मीडिया को संभालना भी शामिल था. इससे पार्टी के लोगों को जमीन पर किसी भी मुद्दे को जल्दी से पहचानने, लोगों से इनपुट प्राप्त करने, वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन में रणनीति बनाने और फिर राजनीतिक रैलियों और मीडिया नैरेटिव सेट करके इसे प्रत्येक मतदाता तक ले जाने में मदद मिली.