महरौली हत्याकांड मामले के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला का फोरेंसिक साइंस लैब में करीब तीन घंटे तक पॉलीग्राफ टेस्ट चला. पिछले दो दिनों से आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट करने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन उसकी तबीयत बिगड़ने के चलते इसमें देरी हुई. जिसके बाद शुक्रवार देर शाम उसका पॉलीग्राफ टेस्ट पूरा हुआ. इस दौरान आरोपी से पुलिस ने कई अहम सवाल पूछे. क्योंकि आफताब की पुलिस हिरासत खत्म हो रही है ऐसे में कोर्ट से कुछ और दिन की रिमांड भी मांगी जा सकती है.
आफताब पूनावाला ने अपनी लिवइन पार्टनर श्रद्धा वालकर (27) की मई में कथित तौर पर गला दबाकर हत्या कर दी थी और उसके शव के 35 टुकड़े कर दिए थे, इसके बाद उन्हें करीब तीन हफ्ते तक दक्षिण दिल्ली के महरौली में अपने घर में 300 लीटर के फ्रिज में रखा था और कई दिनों तक उन्हें शहर के अलग-अलग हिस्सों में फेंका था.
टेस्ट के सभी सेशन हुए पूरे
पुलिस को अभी तक पीड़िता की खोपड़ी और शरीर के बाकी हिस्सों के साथ-साथ शरीर के टुकड़े करने के लिए इस्तेमाल किए गए हथियार का पता नहीं चल पाया है. अधिकारियों ने बताया कि पूनावाला पॉलीग्राफ परीक्षण के अपने तीसरे सेशन के लिए शाम चार बजे रोहिणी स्थित फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) पहुंचा और शाम साढ़े छह बजे के बाद चला गया. एफसीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परीक्षण संबंधी सभी सत्र पूरे हो गए. इसमें प्रक्रिया का प्रारंभिक चरण, मुख्य चरण और बाद का चरण शामिल है. उन्होंने कहा ‘‘हमारे फॉरेन्सिक विशेषज्ञ रिकॉर्डिंग का विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार करेंगे. अगर विशेषज्ञ संतुष्ट नहीं हुए तो उसे (पूनावाला को) फिर से बुलाया जा सकता है.’’
हो सकता है नार्को टेस्ट
अधिकारी के अनुसार, रिपोर्ट के नतीजों के आधार पर नार्को टेस्ट करने के बारे में फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर पूनावाला को न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाता है, तब भी उसका नार्को विश्लेषण किया जा सकता है. पॉलीग्राफ परीक्षण के दौरान पूनावाला से हत्या संबंधी घटनाक्रम, आरोपी के श्रद्धा के साथ संबंध, उनके बीच तनाव, श्रद्धा के मृत शरीर के टुकड़े फेंके जाने वाली जगहों, हथियार आदि के बारे में सवाल पूछे गए.
अधिकारी ने बताया कि इस परीक्षण का उद्देश्य उसके बयानों में विसंगतियों की जांच करना था. उन्होंने बताया कि परीक्षण के नतीजे दो या तीन दिन में जांचकर्ताओं को सौंप दिए जाएंगे. इससे पहले गुरुवार को आफताब का करीब आठ घंटा लंबा पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ था. हालांकि, उसकी तबीयत ठीक नहीं होने के कारण प्रयोगशाला के अधिकारियों को बयान दर्ज करने में परेशानी हुई.
टेस्ट के दौरान पूछे गए कई सवाल
पॉलीग्राफ जांच में रक्तचाप, नब्ज और सांस की दर जैसी शारीरिक गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जाता है और इन आंकड़ों का इस्तेमाल यह पता लगाने में किया जाता है कि व्यक्ति सच बोल रहा है या नहीं. प्रयोगशाला के सूत्रों के अनुसार, ‘‘गुरुवार को परीक्षण (पॉलीग्राफ) के दौरान, पूनावाला से मामले के बारे में पूछताछ की गई थी, उसने किस वजह से वालकर की हत्या की, क्या यह सुनियोजित घटना थी या उसने गुस्से में ऐसा किया, जैसा कि उसने अदालत में दावा किया था.’’
इस घटना ने उस समय राजनीतिक मोड़ ले लिया जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वासन दिया कि कम से कम समय में आरोपी के लिए “कड़ी सजा” सुनिश्चित की जाएगी. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम प्रेमी के वालकर की हत्या की घटना का 'सांप्रदायिक दुष्प्रचार' के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.