Shraddha Murder Case: पालघर पुलिस के सामने 12 अक्टूबर को माणिकपुर पुलिस थाने में श्रद्धा वालकर की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई. दरअसल, बचपन के दोस्त लक्ष्मण ने श्रद्धा के पिता विकास वालकर को बताया कि पिछले कई महीनों से उनकी बेटी से संपर्क नहीं हो रहा है और अनहोनी की आशंका है. इसके बाद श्रद्धा के पिता विकास वालकर ने शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने जब गंभीरता से जांच की तो इस सनसनीखेज मामले का खुलासा हुआ. 


अपने बयान में क्या बोला आफताब पूनावाला 


अब इस मामले में आरोपी आफताब पूनावाला का बयान सामने आया है. आफताब अमीन पूनावाला ने अपना बयान पालघर पुलिस के सामने दर्ज कराया है. उसने कहा- "मैं, आफताब अमीन पूनावाला. उम्र 28 साल. पता 301, C विंग , यूनिक पार्क सोसायटी , वसई वेस्ट पालघर का रहने वाला हूं. इस पते पर साल 2004 से साल 2019 तक अपने मां, बाप और छोटे भाई के साथ रहता था. पिछले 6 महीने से मैं दिल्ली में रह रहा हूं. हरियाणा के गुड़गांव में एक प्राइवेट कंपनी में असिस्टेंट प्रोडक्ट कन्सल्टेंट के तौर पर काम करता हूं. सोशल मीडिया पर फूड ब्लॉगिंग भी करता हूं. साल 2019 के मई महीने में मैं श्रद्धा विकास वालकर के कॉन्टैक्ट में आया था. हम दोनों बंबल (Bumble) नाम के डेटिंग साइट पर मिले और एक दूसरे के करीब आए. श्रद्धा, मुंबई के मलाड इलाके में डिकैथ्लान के कॉल सेंटर में काम करती थी. काम से लौटने के बाद मैं उसे मिलता था और देर रात उसे उसके वसई के घर संस्कृति अपार्टमेंट में ड्रॉप करता था.  


अक्टूबर 2019 में हम दोनों ने एक साथ लिव इन रिलेशन (Live in Relation) में रहने का फैसला किया लेकिन हम दोनों का परिवार इसके खिलाफ था. इसके बावजूद हम दोनों अक्टूबर से साथ रहने लगे. हम किराए पर नायगांव इलाके के किनी कॉम्प्लेक्स में यशवंत प्राइड बिल्डिंग में रहते थे. यहां करीब एक साल तक हम रहे. यहां रहने के दौरान हम दोनों मलाड में कॉल सेंटर में काम करने लगे और हमारी छोटी-मोटी बातों पर बहस और झगड़े होना शुरू हो गया था. जनवरी 2020 में श्रद्धा की मां हर्षला वालकर का निधन हो गया. 15 दिनों के लिए वो अपने मां के घर संस्कृति अपार्टमेंट में रहने गई थी. 15 दिनों बाद वो वापस मेरे साथ नायगांव के घर में रहने आ गई. श्रद्धा की मां की मौत के बाद हमारे झगड़े होने लगे. 


नायगांव के किनी सोसायटी में हम दोनों एक साल तक रहे. किराये के घर का एग्रीमेंट खत्म होने के बाद हमने वसई के विजय विहार कॉम्प्लेक्स के रीगल अपार्टमेंट में घर किराए पर लिया. यहां रहने के दौरान श्रद्धा के चिड़चिड़ेपन से झगड़े होने लगे. इसी दौरान श्रद्धा ने अपने बचपन के दो दोस्तों, लक्ष्मण नाडर और सुबिन से मिलाया. लक्ष्मण और सुबिन अक्सर घर पर पार्टी करने भी आते थे. जुलाई 2021 में एक दिन मेरे और श्रद्धा के बीच बहुत लड़ाई हुई. श्रद्धा ने लक्ष्मण और सुबिन को फोन करके घर बुलाया. लक्ष्मण और सुबिन, श्रद्धा को अपने साथ लेकर गए. कुछ दिनों बाद श्रद्धा वापस मेरे पास रहने आ गई. वसई के रीगल अपार्टमेंट से हमने घर बदल दिया और वसई इलाके के वाइट हिल्स सोसायटी के विद्या विकाश एवर शाइन में किराये पर रहने लगे. 


मेरे और श्रद्धा के बीच अक्सर झगड़े होने लगे. इसी साल मार्च महीने में हमने अपने रिश्ते को अच्छा करने और एक दूसरे के साथ समय बिताने के लिए लंबी छुट्टी मनाने का फैसला किया था. मार्च महीने में हमने उत्तर भारत घूमने का प्लान किया. हम हिमाचल में बर्बलिंग, कसोल, मनाली गए. उत्तराखंड में हरिद्वार, देहरादून और मसूरी जैसी जगह गए. लगभग 15 से 20 दिन के ट्रिप पर हमारे बीच काफी झगड़े होने लगे. इस ट्रिप के दौरान हमारी पहचान बद्री नाम के लड़के से हुई. बद्री ने हमें दिल्ली में घर किराये पर दिलाने में हमारी मदद की. हम दोनों दिल्ली में रहने लगे. रोज-रोज के झगड़े से तंग आकर श्रद्धा मई महीने में घर छोड़कर चली गई. मुझे इसके बाद जानकारी नहीं कि वह कहां गई. 


ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से खुलासा 


बता दें कि, 26 अक्टूबर के दिन वसई पुलिस ने आफताब का पहली बार बयान लिया. 14 मई के दिन श्रद्धा और आफताब छतरपुर के घर में शिफ्ट हुए थे. आफताब ने अपने पहले बयान में बताया कि 22 मई को झगड़े के बाद श्रद्धा अपना फोन लेकर घर छोड़कर चली गई थी. श्रद्धा का फोन 26 मई को बंद हुआ. वसई पुलिस ने जांच में पाया कि श्रद्धा का फोन 22 मई से 26 मई के बीच ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल हुआ. श्रद्धा के बैंक अकाउंट से 54 हजार रुपये आफताब के अकाउंट में ऑनलाइन ट्रांसफर हुए. जिस समय फोन से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन हुआ, फोन का लोकेशन छतरपुर ही था. इसी झूठ से आफताब बेनकाब हो गया. 


मई में हत्या को दिया था अंजाम 


दिल्ली में अपनी ‘लिव-इन पार्टनर’ की हत्या करने और उसके शव के टुकड़े-टुकड़े कर फेंकने के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला को लेकर अब तक कई बातें सामने आई हैं. इससे पहले पुलिस उसे छतरपुर के जंगल में ले गई थी, जहां उसने कथित रूप से श्रद्धा वालकर के शव के टुकड़े फेंके थे. दरअलसल, पूनावाला ने मई में कथित तौर पर वालकर की गला दबाकर हत्या कर दी थी और उसके शव के 35 टुकड़े किए थे, जिन्हें उसने करीब तीन सप्ताह तक दक्षिणी दिल्ली के महरौली में अपने घर में 300 लीटर के फ्रिज में रखा था और बाद में कई दिनों में शहर के अलग-अलग स्थानों पर उन्हें फेंक दिया था.


यह भी पढ़ें- Shraddha Murder Case: ऑनलाइन ट्रांजेक्शन, लोकेशन और गुमशुदगी की रिपोर्ट... ऐसे खुली आफताब के करतूतों की पोल