Shraddha Murder Case: श्रद्धा हत्याकांड की जांच CBI को देने की थी मांग, कोर्ट ने याचिका को बताया- पब्लिसिटी स्टंट
Shraddha Murder Case: श्रद्धा मर्डर केस में हर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. इसी बीच मामले की जांच दिल्ली पुलिस ने तेज कर दी है.
Shraddha Murder Case: दिल्ली हाई कोर्ट ने श्रद्धा वालकर हत्याकांड की जांच का जिम्मा दिल्ली पुलिस से लेकर सीबीआई को स्थानांतरित करने संबंधी एक जनहित याचिका को पब्लिसिटी स्टंट करार देते हुए खारिज कर दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
कोर्ट ने कहा कि वह इस तथ्य का न्यायिक संज्ञान ले सकता है कि इस मामले ने मीडिया का अत्यधिक ध्यान खींचा है. तत्काल याचिका कुछ और नहीं, बल्कि एक वकील के 'मीडिया का ध्यान खींचने' की कोशिश थी. मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अधिवक्ता ने ऐसे आरोप लगाए हैं कि दिल्ली पुलिस ने मौजूदा मामले में फोरेंसिक साक्ष्य संरक्षित नहीं किए हैं और महरौली पुलिस स्टेशन की बरामद की गई वस्तुओं तक आम जनता और मीडियाकर्मियों की पहुंच है.
कोर्ट ने क्या कहा?
बेंच ने कहा, 'इस तरह की याचिकाएं केवल पुलिस के मनोबल को प्रभावित करती हैं और इसे प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए. निराधार आरोप आपराधिक न्याय प्रणाली में आम जनता के विश्वास को धूमिल करने वाले होते हैं. दिल्ली पुलिस एक पेशेवर इकाई है और उनका मनोबल बढ़ाने के लिए ऐसी याचिकाओं की कड़ी निंदा की जानी चाहिए.'
'प्रचार के लिए की गई दायर'
कोर्ट ने कहा कि उसका यह मत है कि याचिका केवल प्रचार हासिल करने के लिए दायर की गई है और इसके समर्थन में कोई तथ्य नहीं है. अदालत ने कहा कि याचिका में जांच की प्रकृति और गुणवत्ता में कमियों को प्रदर्शित करने के लिए कुछ भी नहीं है.
बेंच ने 22 नवंबर को पारित अपने आदेश में कहा है, 'सिर्फ यह कहकर कि जांच दोषपूर्ण है और हत्या के केवल 44 प्रतिशत मामलों में दोषसिद्धि होती है, इसका मतलब यह नहीं है कि हर मामले को सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए.' आदेश की प्रति शनिवार को वेबसाइट पर अपलोड की गई.
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