श्रद्धा मर्डर केस की जांच में मुंबई पुलिस की लापरवाही ने बढ़ाई दिल्ली पुलिस की चुनौती? एक कॉल से आफताब हो गया था सतर्क
Shraddha Murder Case: माणिकपुर पुलिस ने जब आफ़ताब का बयान दर्ज किया उस समय उसका मोबाइल स्कैन करना चाहिए था. वसई पुलिस के फ़ोन कॉल के बाद आफ़ताब एकदम सतर्क हो गया था और उसने सबूतों को मिटाना शुरू कर दिया था.
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Shraddha Murder Case: दिल्ली पुलिस श्रद्धा हत्या मामले की जांच कर रही है. जांच में पुलिस को कई ऐसी बातें पता चली है जिसपर सवाल उठ रहे हैं कि क्या वसई की माणिकपुर पुलिस ने श्रद्धा के मिसिंग केस की जांच में लापरवाही बरती? क्या मिसिंग मामले की जांच के दौरान बेसिक SOP का पालन नहीं किया था?
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया, श्रद्धा की मिसिंग कंप्लेंट माणिकपुर पुलिस को 12 अक्टूबर को मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने उसकी तलाश के लिए श्रद्धा के लिव-इन पार्टनर आफ़ताब पूनावाला से 20 अक्टूबर को संपर्क किया और उसे उसका बयान दर्ज करवाने के लिए 23 अक्टूबर को वसई बुलाया. सूत्रों का दावा है कि वसई पुलिस के इसी फोन कॉल के बाद आफ़ताब एकदम सतर्क हो गया था और उसने सबूतों को मिटाना शुरू कर दिया. जब वह दिल्ली से वसई गया था तब उसने 20 अक्टूबर से 23 अक्टूबर के बीच में श्रद्धा का मोबाइल भायंदर की खाड़ी में फेंक दिया ताकि इसे कोई ढूंढ ही न पाए .
टेक्निकल एविडेंस जमा करने में जुटी पुलिस
पुलिस को शक है आफ़ताब को डर था कि अगर श्रद्धा का मोबाइल फ़ोन पुलिस के हाथ लगा तो कई सारे राज़ खुल सकते हैं. पुलिस अब श्रद्धा का व्हाट्सएप अकाउंट दोबारा से एक्टिवेट कर रही है ताकि पुराने चैट या वीडियो या फोटो हो उसे रिकवर किया जा सके. पुलिस सूत्रों ने यह भी खुलासा किया है टेकनिकल एविडेंस जमा करने की कोशिश की जा रही है और इसी दौरान यह भी पता चला है कि 20 अक्टूबर से लेकर 23 अक्टूबर के बीच श्रद्धा का फ़ोन एक्टिव था.
सबूत मिटाने का हर हथकंडे कर रहा था इस्तेमाल
दिल्ली पुलिस का ऐसा दावा है कि माणिकपुर पुलिस ने जब आफ़ताब का बयान दर्ज किया उस समय उसका मोबाइल स्कैन नहीं किया. ये करना चाहिए था और ऐसा इसीलिए क्यूँकि श्रद्धा के पिता ने मिसिंग की शिकायत में आफ़ताब पर संदेह जताया था. आफ़ताब ने मई में जब श्रद्धा की हत्या कर दी उसके बाद ही उसने उसके मोबाइल के सिम कार्ड को नष्ट कर दिया था पर मोबाइल को WIFI से कनेक्ट कर श्रद्धा के सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल करता था.
आफ़ताब ने श्रद्धा का मोबाइल ग़ायब कर दिया और अपने मोबाइल के पूरे डेटा को डिलीट कर दिया था इसके अलावा उसने और सतर्कता दिखाते हुए मोबाइल के फ़ैक्ट्री रिसेट कर दिया था ताकि मोबाइल के डेटा को रिकवर करना लगभग असंभव हो जाए.
इस मामले में एक और बड़ी खबर
दिल्ली पुलिस सूत्रों ने बताया, उन्हें शक है कि हो सकता है इस मामले में एक और आरोपी हो सकता है जिसने श्रद्धा की हत्या से लेकर सबूतों की मिटाने में मदत की हो सकती है. पुलिस इसी संदर्भ में और जानकारी इकट्ठा करने में लिये आफ़ताब के परिवार वालों और उसके क़रीबियों का बयान दर्ज कर रही है.
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