Shraddha Murder Case: दिल्ली में करीब 6 महीने पहले हुई एक हत्या ने सभी को चौंकाकर रख दिया. इस खौफनाक हत्याकांड के बारे में जिसने भी सुना उसकी रूह कांप उठी. आफताब नाम के युवक ने अपनी गर्लफ्रेंड श्रद्धा की झगड़े के दौरान हत्या कर दी और उसके शरीर के 35 टुकड़े कर दिए. इसके बाद इन टुकड़ों को फ्रिज में रखकर कई दिनों तक ठिकाने लगाता रहा. इस हत्याकांड ने देशभर में हुई उन तमाम हत्याओं की यादें ताजा कर दीं, जिनमें इंसानी वहशीपन को देखा गया था. आइए हम आपको ऐसे ही पांच खौफनाक हत्याकांड के बारे में बताते हैं, जिनकी चर्चा देशभर में हुई. 


श्रद्धा हत्याकांड में कई खौफनाक खुलासे
दिल्ली के महरौली थाने में दर्ज श्रद्धा हत्याकांड के मामले में ऐसे कई खुलासे हुए, जिन्होंने आफताब के पागलपन को बयां किया. आफताब से पूछताछ के बाद पुलिस को पता चला कि कैसे उसने श्रद्धा की गला दबाकर हत्या की और उसके बाद आरी से एक-एक कर उसके 35 टुकड़े कर दिए. आफताब ने हर टुकड़े को अपने फ्रिज में रखा, जहां वो अपना खाना भी रखता था. इतना ही नहीं ये भी खुलासा हुआ कि आफताब रोज फ्रिज खोलकर श्रद्धा के कटे सिर को निहारता था. इस मामले में पुलिस जांच कर रही है और आरोपी को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं. 


दिल्ली में रंगा-बिल्ला की दहशत
दिल्ली में ही साल 1978 में एक खौफनाक मामला सामने आया था. जिसने खूब सुर्खियां बटोरीं थीं. दो छोटे अपराधियों ने दिल्ली के धौला कुआं इलाके से दो भाई-बहनों को किडनैप किया. जिनमें 16 साल की गीता चोपड़ा और 14 साल के उसके छोटे भाई संजय थे. आरोपियों ने लड़की को अंग्रेजी में बात करते सुना था, जिसके बाद उन्होंने ये सोचा कि ये किसी बड़े घराने से होगी. फिरौती के लिए इस किडनैपिंग को अंजाम दिया गया, लेकिन जब रंगा-बिल्ला को पता चला कि दोनों एक नेवी ऑफिसर के बच्चे हैं तो वो डर गए. दोनों भाई-बहनों के चिल्लाने के बाद एक शख्स ने पुलिस को भी इस घटना की जानकारी दे दी थी. 


इसके बाद रंगा और बिल्ला ने गाड़ी रिज इलाके की तरफ घुमा दी. सबसे पहले 14 साल के संजय की हत्या कर उसे दूर फेंका गया. इसके बाद दोनों ने 16 साल की गीता के साथ रेप किया और फिर उसकी भी हत्या कर दी. दोनों के शरीर पर चाकू के कई घाव थे. लोगों ने इस हत्याकांड के खिलाफ खूब गुस्सा दिखाया. आखिरकार दोनों की गिरफ्तारी हुई और उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई. इसके बाद दोनों को फांसी के तख्ते पर लटका दिया गया. 


तंदूर कांड से कांप उठी रूह
नैना साहनी मर्डर केस जब लोगों के सामने आया तो हर किसी की सुनते ही रूह कांप उठी. नैना के पति सुशील शर्मा ने नाजायज संबंधों के शक में पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी थी, लेकिन इसके बाद जो कुछ उसने किया वो काफी ज्यादा खौफनाक था. उसने जब लाश को ठिकाने लगाने की कोशिश की तो उसे कोई ठीक जगह नहीं मिली. इसके बाद वो अपने रेस्टोरेंट गया और वहां शव के टुकड़े किए. इन टुकड़ों को सुशील ने तंदूर में डालना शुरू किया. इस दौरान वो लाश को जलाने के लिए बटर का इस्तेमाल भी कर रहा था. तभी वहां लपटे देखकर बाहर कुछ लोगों ने पुलिस को आग लगने की सूचना दे दी. जैसे ही पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां जो कुछ हो रहा था उसे देखकर दंग रह गई. इस तरह इस खौफनाक हत्याकांड का खुलासा हुआ. 


दिल दहलाने वाला निठारी कांड 
साल 2006 में नोएडा के निठारी गांव से एक ऐसी खौफनाक घटना का खुलासा हुआ, जिसने सभी का दिल दहला दिया. यहां एक कोठी से कई नरकंकाल मिले थे. मनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोहली ने जिनकी हत्या की थी. इनमें ज्यादातर बच्चे थे. कोली नेक्रोफीलिया नाम की बीमारी से ग्रसित था, जिसके बाद वो बच्चों के प्रति आकर्षित होने लगा. जो भी बच्चे उसकी कोठी के आगे से निकलते वो उन्हें पकड़ लेता और दुष्कर्म करने के बाद हत्या कर उन्हें दफना दिया जाता. इन दोनों ने ही कई बच्चियों और महिलाओं की हत्या की और उन्हें दफना दिया. शवों के टुकड़े कर उन्हें नाले में भी बहाया. इन्हें नरपिशाच का नाम दिया गया. 


निर्भया कांड से देशभर में गुस्सा
दिल्ली में ही निर्भया कांड भी हुआ था. साल 2012 में एक चलती बस में निर्भया के साथ कुछ लोगों ने ऐसी दरिंदगी की थी कि उससे पूरे देश में गुस्सा भड़क गया. 16 दिसंबर 2012 को 22 साल की मेडिकल इंटर्न जब फिल्म देखने के बाद बस में सवार हुई तो उसके साथ बस में सवार कंडक्टर और बाकी लोगों ने छेड़छाड़ शुरू कर दी. जब लड़की के दोस्त ने इसका विरोध किया तो पहले उसकी पिटाई की गई. इसके बाद इन दरिंदों ने लड़की के साथ एक-एक कर रेप किया. रेप करने के बाद आरोपियों ने लड़की के प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड डाली और ऐसा कई बार किया गया. गैंगरेप और दरिंदगी को अंजाम देने के बाद दोनों को बीच सड़क फेंक दिया गया. इस मामले में कुल 6 लोगों को आरोपी बनाया गया. जिसमें से एक नाबालिग था. एक आरोपी की जेल में ही मौत हो गई थी. जबकि बाकी के चार को दोषी करार दिया गया और आखिर में उन्हें फांसी के फंदे पर लटकाया गया. करीब 7 साल संघर्ष करने के बाद परिवार को न्याय मिला. 


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