(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
श्रद्धा वालकर की हत्या क्या 'लव जिहाद' का मामला है? जानें क्या बोलीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी
Smriti Irani ने कहा कि घरेलू हिंसा एक ऐसा मुद्दा नहीं है जो केवल अशिक्षित पुरुषों से संबंधित है. यह शहरों में भी उतना ही सामान्य हो गया है जितना की गांव में है.
Smriti Irani On Shraddha Murder Case: श्रद्धा वालकर की जघन्य हत्या के बाद से पूरे देश में आक्रोश का माहौल है. आफताब ने जिस तरह से श्रद्धा का कत्ल किया उससे हर कोई गुस्से में है. इस मर्डर केस में "लव जिहाद" का एंगल भी जोड़ा जा रहा है. इसको लेकर अब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर चर्चा करने की आवश्यकता है.
टाइम्स नाउ शिखर सम्मेलन में स्मृति ईरानी ने कहा, "कोई भी महिला को हीट ऑफ द मोमेंट में छोटे-छोटे टुकड़ों में नहीं काटता है. कोई भी उस महिला को लगातार पीटता नहीं है, जिसे वह प्यार करने का दावा करता है या उसके साथ रिश्ते में है." स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि तथ्य यह है कि दुर्व्यवहार निरंतर था और मदद के रूप में उसे बहुत कुछ नहीं मिल सकता था.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर बड़े पैमाने पर विस्तृत रूप से विचार करने की आवश्यकता है. लोग अपने घर की महिलाओं के खिलाफ ही बहुत हिंसा कर रहे हैं, जो राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो में आक्रामक रूप से रिपोर्ट की जाती हैं. इसलिए... जब हम महिला सुरक्षा की बात करते हैं तो साथ रह रहे पार्टनर्स भी जो महिलाओं के खिलाफ हिंसा करते हैं उन पर भी चर्चा करने की जरूरत है."
'घरेलू हिंसा सिर्फ अशिक्षित पुरुषों से संबंधित मुद्दा नहीं है'
स्मृति ईरानी ने कहा कि अब यह देखा गया है कि घरेलू हिंसा एक ऐसा मुद्दा नहीं है जो केवल उन पुरुषों से संबंधित है जो अच्छी तरह से शिक्षित नहीं हैं. यह शहरों में भी उतना ही सामान्य हो गया है जितना की गांवो में है. मुद्दा यह है कि कार्यस्थल पर कौन लोग हैं... उन परिवारों में जो जानते हैं कि उसके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है और उसे पीटा जा रहा है और धमकी दी जा रही है...एक महिला को यह बताना बहुत आसान है कि अगर आपको पीटा जा रहा है तो पुरुष को छोड़ दें, लेकिन जिसने भी ऐसी पीड़िताओं से बात की है, वे जानते हैं कि मानसिक भय ऐसा है कि अगर उसे छोड़ भी दिया जाए तो वह एक कदम भी नहीं उठा पाएगी.''
क्या यह "लव जिहाद" का मामला है?
स्मृति ईरानी ने उस व्यक्ति पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया जिसने उसे मारा और इससे विचलित नहीं होना चाहिए. यह पूछे जाने पर कि क्या यह "लव जिहाद" का मामला है, ईरानी ने कहा, "मुझे लगता है कि हम एक बहुत ही जघन्य अपराध को आसान बना रहे हैं. 2009 में लव जिहाद को एक शब्दावली के रूप में केरल हाईकोर्ट ने स्थापित किया था. उस समय केंद्र में बीजेपी सत्ता में नहीं थी जिसने वास्तव में लव जिहाद शब्द को स्वीकार किया था. यह भी स्वीकार किया था कि लड़कियों को निशाना बनाया गया, क्योंकि वे एक ईसाई या हिंदू परिवार से थीं. उन्हें निशाना बनाया गया ताकि उन्हें रिश्ते में लाया जा सके और फिर धर्म परिवर्तन किया जा सके."
लिव जिहाद कानून पर क्या बोलीं ईरानी?
कुछ बीजेपी शासित राज्यों के "लव जिहाद" के खिलाफ बनाए गए कानून के बारे में पूछे जाने पर, ईरानी ने कहा, "जब आप एक महिला को धोखेबाज रिश्ते में लाने के इरादे से धोखा देते हैं, उसे भावनात्मक, शारीरिक रूप से मजबूर करते हैं, ताकि वह बच न सके... ऐसे में आप मुझे बता रहे हैं कि एक बीजेपी शासित राज्य जिसे वोट देकर जिम्मेदारी सौंपी गई है, वह ऐसी महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून लाने के अपने अधिकार का इस्तेमाल नहीं कर सकता."
दिल्ली का श्रद्धा हत्याकांड
आफताब अमीन पूनावाला ने अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वालकर (27) की मई में कथित तौर पर गला दबाकर हत्या कर दी थी और उसके शव के 35 टुकड़े कर दिए थे. जांच में सामने आया है कि आफताब ने शव के टुकड़ों को करीब तीन सप्ताह तक दक्षिण दिल्ली के महरौली में अपने घर में 300 लीटर के फ्रिज में रखा था और कई दिनों तक उन्हें शहर के अलग-अलग हिस्सों में फेंका था.
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