Explained: श्रीकांत त्यागी और बिलकिस के आरोपी ही नहीं, लिंचिंग और हत्या के अपराधियों का भी हो चुका है सम्मान
Mahapanchayat: श्रीकांत त्यागी (Shrikant Tyagi) के 6 साथी जो नोएडा की ओमेक्स सोसायटी में घुसे थे, वे सभी त्यागी समाज के महापंचायत (Mahapanchayat) में पहुंचे और मंच पर उनका सम्मान किया गया.

Noida Tyagi Samaj Mahapanchayat: देश में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब गाली गलौज से लेकर हत्या तक की वारदात को अंजाम देने वाले अपराधियों को किसी मंच से सम्मानित किया गया है. हाल में श्रीकांत त्यागी (Shrikant Tyagi) का नाम खूब सुर्खियों में रहा था. महिला से बदसलूकी करने के बाद देशभर के लोगों में श्रीकांत त्यागी के लिए गुस्सा था, लेकिन त्यागी समाज उल्टा उनके समर्थन में आ गया है. बकायदा इसके लिए नोएडा में महापंचायत (Mahapanchayat) का आयोजन किया गया.
श्रीकांत त्यागी (Shrikant Tyagi) के 6 साथी जो नोएडा की ओमेक्स सोसायटी में घुसे थे, वे सभी त्यागी समाज के महापंचायत (Tyagi Samaj Mahapanchayat) में पहुंचे और मंच पर उनका सम्मान किया गया.
श्रीकांत त्यागी के समर्थन में महापंचायत
श्रीकांत त्यागी के समर्थन में नोएडा में महापंचायत का आयोजन किया गया है. इसमें कई राज्यों से त्यागी समाज के लोग जुटे हैं. किसान नेता नरेश टिकैत का भी इन्हें समर्थन मिला है. त्यागी समाज का आरोप है कि बीजेपी सांसद महेश शर्मा के कहने पर ही श्रीकांत की पत्नी और अन्य लोगों के खिलाफ गुंडों जैसी कार्रवाई की गई. महापंचायत के मंच से श्रीकांत त्यागी के उन साथियों का भी सम्मान किया गया जो नोएडा के ओमेक्स सोसायटी में घुसे थे.
बिलकिस बानो मामले में दोषियों का स्वागत
साल 2002 में गुजरात में बिलकिस बानो (Bilkis Bano) के साथ गैंगरेप मामले में 11 लोग दोषी पाए गए थे. इन सभी को आजीवन कारावास की सजा मिली थी. बाद में सरकार ने सभी दोषियों की रिहाई क्षमा नीति के तहत मंजूर कर दी गई. इस मामले के दोषियों के रिहा होने पर उन्हें लड्डू खिलाकर स्वागत किया गया. इस संबंध में एक वीडियो भी सामने आया था, जिसके बाद लोगों ने काफी नाराजगी जाहिर की थी. पीड़ित महिलाओं के लिए संघर्ष करने वाली योगिता भयाना ने वीडियो शेयर कर इसकी जमकर आलोचना की थी. उन्होंने तंज कसते हुए लिखा था कि अब इंतजार इस बात का है कि रेप करने वालों के सम्मान में रैली भी निकले.
इंस्पेक्टर सुबोध कुमार हत्याकांड
यूपी के बुलंदशहर हिंसा मामले में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के आरोपी की मूर्ति तक लगाई गई थी. बुलंदशहर में कथित रूप से गोहत्या को लेकर हुई हिंसा के दौरान मारे गए युवक सुमित के परिजनों ने उसकी प्रतिमा का निर्माण कराया. बता दें कि बुलंदशहर के स्याना कोतवाली में 3 दिसंबर 2018 को कथित गोहत्या को लेकर हिंसा भड़की थी. इस दौरान स्याना थाने के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या कर दी गई थी. वहीं, हिंसा के दौरान गोली लगने से युवक सुमित की मौत हो गई थी. हिंसा मामले में पुलिस ने मृतक सुमित को भी आरोपी बनाया था. सुमित के घरवालों ने चिंगरावठी में ही उसकी मूर्ति लगवाई. बुलंदशहर हिंसा का एक अन्य आरोपी के जमानत पर जेल से रिहा होने पर लोगों ने फूलमाला से उसका स्वागत किया था.
मॉब लिंचिंग के आरोपियों को पहनाई माला
झारखंड में मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) के आरोपियों को केंद्रीय मंत्री तक ने माला पहनाकर स्वागत किया था. आरोपियों की रिहाई के लिए आंदोलन करने वाले एक पूर्व विधायक ने भी बीजेपी दफ्तर पर ही आरोपियों को जमानत मिलने पर खुशी जताई थी. मॉब लिंचिंग के आरोपियों का इस तरह से स्वागत करने और मिठाई बांटने को लेकर उस दौरान काफी सियासत गरमा गई थी. ये घटना 9 जून 2017 को झारखंड के रामगढ़ में हुई थी. भीड़ ने मीट व्यापारी अलीमुद्दीन अंसारी की पीट-पीटकर जान ले ली थी. अलीमुद्दीन अपनी वैन से मांस लेकर आ रहा था. वैन में बीफ होने के शक में कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया था और मौत के घाट उतार दिया था.
अखलाक की हत्या के आरोपी के शव पर तिरंगा
यूपी में ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के दादरी कांड में अखलाक (Akhlaq) की हत्या के आरोपी के शव पर तिरंगा रखा गया था. ग्रामीणों ने रविन सिसोदिया नाम के शख्स को शहीद बताते हुए उसके शव पर तिरंगा रखा था और सरकार से एक करोड़ा का मुआवजा मांगा था. बीमारी के बाद किडनी और श्वसन तंत्र फेल हो जाने से उसकी मौत हो गई थी. गांव वालों का कहना था कि रविन और उसके साथ तीन और आरोपियों की जेल में पिटाई की गई थी, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई. बता दें कि साल 2015 में सितंबर में दादरी में मोहम्मद अखलाक की बीफ खाने के संदेह के आधार पर भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.
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