Shrimad Bhagavad Gita: देश में राष्ट्रीय गान, राष्ट्रीय गीत, राष्ट्रीय झंडे की तरह जल्द ही राष्ट्रीय ग्रंथ (National Book) भी होगा. भारत सरकार श्रीमद्भागवत गीता (Shrimad Bhagavad Gita) को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित कर सकती है. इसे अमलीजामा पहनाने के लिए सरकार बड़ी संजीदगी से विचार कर रही है. इसके लिए भारत सरकार (Government Of India) अलग- अलग मंत्रालयों से राय ले रही है. गौरतलब है कि सरकार ये कवायद महाराष्ट्र से बीजेपी (BJP) के सांसद गोपाल शेट्टी (Gopal Shetty) के भेजे एक पत्र के आधार पर कर रही है.


महाराष्ट्र के सांसद ने लिखा पत्र


गौरतलब है कि महाराष्ट्र (Maharashtra) से बीजेपी के सांसद गोपाल शेट्टी ने 5 जुलाई को केंद्रीय गृहमंत्री (Union Home Minister) अमित शाह (Amit Shah) को एक पत्र लिखा था. इस पत्र में उन्होंने गृहमंत्री से श्रीमद्भागवत गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की मांग की है. गृहमंत्री शाह ने 18 जुलाई को ही इस पत्र का जवाब भेजा है. अवर सचिव ( समन्वय-1)  रेनू सूरी ने 1 अगस्त 22 को एक कार्यालय ज्ञापन में इसके बारे में जानकारी दी है. ज्ञापन के मुताबिक गोपाल शेट्टी के पत्र पर जरूरी कार्यवाही के लिए उसे संबंधित मंत्रालयों में प्रेषित करने का निर्देश दिया गया है.


इस मामले में गृह मंत्रालय (The Ministry Of Home Affairs) ने शिक्षा मंत्रालय से भी राय मांगी है. शिक्षा मंत्रालय (The Ministry Of Education) ने 10 अगस्त को श्रीमद्भागवत गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित कराए जाने के संदर्भ में अपनी टिप्पणी भी भेजी है. इसके बाद गृह मंत्रालय ने अब संस्कृति मंत्रालय (The Ministry Of Culture) से श्रीमद्भागवत गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित कराए जाने के संदर्भ राय मांगी है. 


ये है गीता का ज्ञान


श्रीमद्भागवत गीता में भगवान कृष्ण (Krishna) के महाभारत युद्ध के दौरान रण भूमि में पांडव पुत्र को दिया गया उपदेश है. गीता मानव जाति को जीवन जीने की राह दिखाती है. इसके उपदेश धर्म के मार्ग पर का अनुसरण करते हुए सद् कर्म करने की शिक्षा देते हैं.


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