'कर्नाटक में गारंटी योजनाओं को विफल करने की कोशिश कर रही BJP', सीएम सिद्धारमैया ने दी अमित शाह को चुनौती
Karnataka CM Siddaramaiah: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि गारंटी योजनाओं के कारण राज्य का खजाना खाली नहीं है, इसको वो साबित कर सकते हैं.
Siddaramaiah on Congress Guarantee: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने रविवार (11 फरवरी) को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) राज्य में गारंटी योजनाओं को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है. अगर गारंटी योजनाओं पर कोई आपत्ति है तो बीजेपी नेताओं को तुरंत अपना विरोध स्पष्ट रूप से बताना चाहिए और बीजेपी शासित राज्यों में घोषणा करनी चाहिए कि सभी मौजूदा गारंटी योजनाएं बंद कर दी जाएंगी.
सिद्धारमैया ने सवाल किया कि बीजेपी नेता कर्नाटक में गारंटी योजनाओं को अस्थिर करने का प्रयास क्यों कर रहे हैं? क्या उनके मन में कर्नाटक के लोगों के प्रति नफरत है?
'गारंटी योजना पर सार्वजनिक बहस करने को तैयार'
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कर्नाटक आए हैं. उनका कहना है कि गारंटी योजनाओं के कारण खजाना खाली है. राज्य सरकार के प्रति इस तरह के बयान उनकी ईर्ष्या को व्यक्त करते है. सीएम सिद्धारमैया ने कहा, "अगर यह गृह मंत्री अमित शाह की दृढ़ राय है, तो उन्हें मेरे साथ सार्वजनिक बहस में भाग लेना चाहिए."
सिद्धारमैया ने कहा, ''मैं साबित कर सकता हूं कि गारंटी योजनाओं के कारण हमारा खजाना खाली नहीं है. इसकी बजाय, केंद्र से राज्य को करों का अनुचित वितरण हो रहा है. यह गृह मंत्री शाह के लिए भी एक चुनौती है.''
'बीजेपी नेता विरोध के बाद कांग्रेस की गारंटी को करते हैं लागू'
सीएम सिद्धारमैया ने कहा, ''कर्नाटक के बारे में बात करते समय जो बीजेपी नेता हमारे राज्य में गारंटी योजनाओं का विरोध करते हैं, उन्हीं गारंटी योजनाओं को उन राज्यों में लागू करने का वे वादा कर रहे हैं जहां उनका शासन है. हमारी गारंटी योजनाओं का विरोध करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब न केवल हमारी गारंटी योजनाओं बल्कि 'गारंटी' नाम को भी चुरा लिया है और उसी नाम से विज्ञापन कर रहे हैं. यह उस पार्टी के गरीब विरोधी रुख और बौद्धिक दिवालियापन को दर्शाता है.''
'कांग्रेस की गारंटी योजनाओं के खिलाफ बोलते हैं अमित शाह'
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि गृह मंत्री अमित शाह कांग्रेस की गारंटी योजनाओं के खिलाफ बोलते हैं और कन्नडिगाओं के प्रति तिरस्कार दिखाते हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कन्नड़ झंडे का विरोध, हिंदी थोपने का प्रयास और नंदिनी के बजाय अमूल को फायदा पहुंचाने की साजिश आदि उनकी उपलब्धियां हैं.''