Karnataka Assembly Election 2023: कर्नाटक में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनाव के लिए हर दल अपनी तैयारी करने में लगा है. प्रदेश की सत्ता से इस बार बीजेपी को बाहर करने के लिए कांग्रेस अपना पूरा जोर लगा रही है. इसके लिए कांग्रेस पार्टी के प्रचार अभियान का दूसरा चरण शुक्रवार (3 फरवरी) से शुरू हो रहा है. 


3 फरवरी से पार्टी अपनी ‘प्रजाधवानी यात्रा’ को फिर से शुरू करने वाली है. इस चरण में कर्नाटक में कांग्रेस के दोनों दिग्गज नेता (सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार) अलग-अलग दिशा में यात्रा का नेतृत्व करेंगे. पूर्व सीएम सिद्धारमैया उत्तर कर्नाटक में अभियान के लिए 37 सदस्यीय टीम का नेतृत्व करेंगे, वहीं कर्नाटक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार दक्षिण में 57 सदस्यीय नेताओं की टीम का नेतृत्व करेंगे. दोनों नेता एक साथ अपनी यात्राओं को लॉन्च करेंगे.


लिंगायत समाज को साधेंगे सिद्धारमैया


सिद्धारमैया की यात्रा बिदर में बसवाक्यलियन से शुरू हो रही है. सिद्धारमैया को लिंगायत-बहुल उत्तर कर्नाटक के मतदाताओं को लुभाना होगा. वह सबसे पहले 'अनुभव मंतपा' जाएंगे. यहां वह 12वीं शताब्दी के समाज सुधारक बसवेश्वर की प्रतिमा को फूलमाला पहनाने के बाद एक जनसभा को भी संबोधित कर सकते हैं. 18 फरवरी तक यात्रा के दौरान वह बीदर, कलाबुरगी, विजयपुरा, बागलकोट, हुबली, धारवाड़ और कोप्पल जिलों में विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेंगे.


शिवकुमार के जिम्मे है वोक्कालिंगा समुदाय


वहीं डीके शिवकुमार की यात्रा कोलार जिले के मुलबगल में स्थित प्रसिद्ध कुरुदुमले महा गणपति मंदिर में पूजा करने के बाद शुरू होगी. डीके शिवकुमार वोक्कालिंगा समुदाय से हैं, इसलिए वह मैसुरु, मंड्या, हसन चामराजनगरा और चिक्कमंगलुरु में अपने समुदाय के मतदाताओं को साधेंगे. वह कोलार, चित्रदुर्ग, बेंगलुरु ग्रामीण और शिवमोग्गा जिलों के विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेंगे. इस यात्रा का मकसद मतदाताओं के सामने मजबूती से मुद्दों को उठाना और सामान्य कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने के लिए पार्टी का एकजुट चेहरा पेश करना है.


सिद्धारमैया-शिवकुमार में दूर हो रहे मतभेद


बहुत अच्छे संबंध न होने के बावजूद दोनों नेताओं ने पहले चरण में एक साथ अभियान चलाया. भाषण कला में माहिर सिद्धारमैया ने अपने जादू से मतदाताओं की भीड़ को आकर्षित किया, वहीं आयोजक और संसाधन जुटाने में माहिर शिवकुमार ने इवेंट्स की व्यवस्था कुशलतापूर्वक पूरी की. इस तरह के संयुक्त अभियान दोनों नेताओं के बीच आपसी संबंधों में मौजूद कड़वाहट दूर करने का काम किया है. पिछले कुछ महीनों से दोनों नेता एक-दूसरे के साथ मिलकर पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं.


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