Siddaramaiah Oath Ceremony: कर्नाटक CM के शपथ ग्रहण समारोह से ममता की दूरी! सिद्धारमैया को दीं शुभकामनाएं
Siddaramaiah Oath Ceremony: राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की प्रचंड जीत के बावजूद कांग्रेस से तृणमूल की बढ़ती दूरी का एक और संकेत है.
Siddaramaiah Oath Ceremony: कर्नाटक में 224 विधानसभा सीटों में कांग्रेस ने 135 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत से अपनी सरकार बना ली है. 20 मई को कर्नाटक को नए मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री मिल जाएंगे. राज्य के नए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया होंगे और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार होंगे. दोनों नेता शनिवार (20 मई) को बेंगलुरु में शपथ लेंगे. हालांकि शपथ समारोह में भारतीय तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नहीं जाएंगी.
सांसद डेरेक ओब्रायन से मिली जानकारी के मुताबिक ममता ने कार्यक्रम में अपनी प्रतिनिधि को भेजने का फैसला किया है. ममता बनर्जी ने टीएमसी सांसद काकोली घोष दस्तीदार को कर्नाटक के मनोनीत मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के कल होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए भेजा है. शपथ समारोह में कई मुख्यमंत्रियों सहित पार्टी के नेताओं को व्यक्तिगत रूप से कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निमंत्रण दिया है. ममता ने कर्नाटक में नई सरकार बनाने के लिए सिद्धारमैया को शुभकामनाएं दीं.
The CM designate of Karnataka Mr Siddaramaiah & his other colleagues called to personally invite @AITCofficial Chairperson & Bengal CM Mamata Banerjee for swearing-in tomorrow
— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) May 19, 2023
She conveyed her best wishes & designated @kakoligdastidar #TMC Deputy Leader in LS to attend ceremony
इन नेताओं को दिया गया है आमंत्रण
कांग्रेस ने शपथ समारोह में ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और कुछ अन्य विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया है.
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के अनुसार शपथ ग्रहण समारोह में एक विचारधारा वाले दलों के नेताओं को निमंत्रण दिया गया है. इसके साथ ही शपथ ग्रहण के मौके पर विपक्षी एकजुटता का संदेश देने का प्रयास कर रही है.
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