Siddaramaiah: हाल में कथित रूप से मांस खाने (Eat Meat) के बाद मंदिर (Temple) जाने और ऐसा कर धार्मिक भावनाएं आहत करने पर बीजेपी (BJP) की आलोचनाओं से घिरे वरिष्ठ कांग्रेस (Congress) नेता सिद्दारमैया (Siddaramaiah) ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि उस दिन उन्होंने मांस (Meat) नहीं खाया था. इसे ‘गैर मुद्दा’ करार देते हुए पूर्व मुख्मयंत्री सिद्धरमैया ने अपनी पसंद का भोजन करने के अधिकार पर बल दिया.


सिद्दारमैया 18 अगस्त को कोडागु की अपनी यात्रा के दौरान कथित रूप से मासांहार करने के बाद कोडिलीपेट में बासवेश्वर मंदिर गये थे जिससे विवाद खड़ा हो गया था. वरिष्ठ कांग्रेस ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘ क्या मांस खाना कोई मुद्दा है? (कोई क्या खाता है) यह एक व्यक्तिगत खाद्य आदत है. मैं मांसाहार एवं शाकाहार दोनों करता हूं और यह मेरी आदत है. कुछ लोग मांस नहीं खाते हैं , यह उनकी खाद्य आदत है.’’ उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि बीजेपी के पास ‘‘कोई अन्य काम नहीं है’’ इसलिए वह ‘‘मुख्य मुद्दों’ से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए विवाद खड़ा करने का प्रयास कर रही है.


सिद्दारमैया ने कहा ये कोई मुद्दा नहीं


उन्होंने कहा, ‘‘मेरे हिसाब से यह बिल्कुल ही कोई मुद्दा नहीं है. कई लोग बिना मांस खाये मंदिर जाते हैं तो कई मांस खाने के बाद मंदिर जाते हैं. कई स्थानों पर मांस देवी-देवताओं को चढ़ाया जाता है. आपको सच बताऊं, मैंने उस दिन मांस नहीं खाया था. दलील के लिए, मेरे पास जो था, मैंने कह दिया. वैसे चिकन कढ़ी थी लेकिन मैंने बस बांस शूट कढ़ी और ‘अक्की रोटी’ खायी थी.’’


विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्दारमैया ने अपने बचाव में रविवार को कहा था कि वह मांसाहारी हैं और यह उनकी खाद्य आदत है. उन्होंने सवाल उठाया था कि क्या ईश्वर ने कहा है कि मंदिर जाने से पहले क्या खाना है और क्या नहीं खाना है.


बीजेपी ने किया हमला


मांसाहार करने के बाद मंदिर जाने के कांग्रेस विधायक दल के नेता के कथित कृत्य एवं बाद के उनके बयानों पर सत्तारूढ़ बीजेपी के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. वरिष्ठ विधायक बसानगौड़ा पाटिल यतनाल ने उन्हें यहां तक चुनौती दे डाली, ‘‘ सिद्धरमैया, यदि आपमें साहस है तो पोर्क (सुअर का मांस) खाने के बाद मस्जिद जाइए.’’


सभी भगवान पर विश्वास करते हैं


इस चुनौती एवं हमले पर सिद्दारमैया (Siddaramaiah) ने कहा, ‘‘ मैं बस चिकेन (मुर्गे का मांस) और मटन (बकरे का मांस) खाता हूं, कोई और मांस (पोर्क या बीफ) नहीं खाता लेकिन मैं उन लोगों के विरूद्ध नहीं हूं जो यह खाते हैं क्योंकि यह उनकी खाद्य आदत (Eating Habit) है.’’


चुनाव नजदीक आने पर मंदिरों एवं मठों में ‘जाने का ड्रामा’ करने के प्रदेश बीजेपी (BJP) अध्यक्ष नलीन कुमार कटील (Naleen Kumar Kateel) के आरोप पर सिद्दारमैया ने कहा कि वह मंदिर जाते हैं और अद्वैतवाद में विश्वास करते हैं क्योंकि सभी ईश्वर एक हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं मंदिर (Temple) जाता हूं, लेकिन इसे अपना एकमात्र पेशा नहीं बनाया है. मैं अपने गांव में मंदिर जाता हूं. मैं कश्मीर (Kashmir) या किसी अन्य स्थान पर ईश्वर को ढूढ़ने क्यों जाऊं? मैं कई बार तिरुपति, महादेश्वर पहाड़ी, चामुंडी पहाड़ी, नानजांगौ मंदिर गया हूं. मैं सभी जगह जाता हूं.’’


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