Karnataka Politics: गोहत्या पर कर्नाटक के मंत्री के बयान से विवाद, बीजेपी ने घेरा तो क्या बोले सीएम सिद्धारमैया?
Karnataka News: कर्नाटक के पशुपालन मंत्री ने गोवध विरोधी कानून पर विचार करने की बात करते हुए कहा कि जब भैंसों का वध किया जा सकता है तो गायों का क्यों नहीं. इसपर अब सिद्धारमैया का बयान सामने आया है.
Cow Slaughter Issue: कर्नाटक के पशुपालन मंत्री के वेंकटेश के गायों को लेकर दिए गए बयान पर विवाद खड़ा हो गया है. अब इस मामले पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. उन्होंने इस मामले पर कैबिनेट मीटिंग में चर्चा करने की बात कही है. वेंकटेश के बयान के विरोध में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सोमवार (5 जून) को प्रदर्शन भी किया था.
सिद्धारमैया ने कहा कि पिछली बीजेपी सरकार की ओर से लाए गए इस कानून में स्पष्टता की कमी थी. राज्य सरकार मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर चर्चा करेगी. हमने अभी तक कुछ भी तय नहीं किया है. दरअसल, पशुपालन मंत्री वेंकटेश ने शनिवार को मैसूरु में कहा था, "अगर भैंसों को काटा जा सकता है तो गायों को क्यों नहीं". मंत्री ने कर्नाटक गोवध निवारण और मवेशी संरक्षण अधिनियम का जिक्र करते हुए कहा था कि सरकार इस कानून पर फिर से विचार करेगी. इस अधिनियम को गोहत्या रोधी कानून के रूप में भी जाना जाता है.
बीजेपी गोहत्या मामले को लेकर कांग्रेस पर हमलावर
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बीजेपी ने मंगलवार (6 जून) को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सवाल उठाया कि क्या वह कर्नाटक में गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून पर फिर से विचार करने के साथ अपने कार्यकाल की शुरूआत करना चाहती है. बीजेपी की कर्नाटक इकाई इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रही है. बीजेपी नेता पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी को इस मुद्दे पर बोलना चाहिए.
गोहत्या मामले पर फिर से चर्चा करेगा मंत्रिमंडल
कर्नाटक के पशुपालन मंत्री के वेंकटेश के बयान के बाद जब इस बारे में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि मंत्रिमंडल इस मामले पर चर्चा करेगा. रूपाला ने कहा कि एक बार राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी अंतिम रुख अख्तियार कर ले तो केंद्र सरकार इस मुद्दे का संज्ञान लेगी. उन्होंने कहा कि इस मामले ने कांग्रेस की मानसिकता को फिर से सार्वजनिक किया है. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही इसके लिए एक अलग मंत्रालय बनाने की दूरदर्शिता दिखाई थी.
(Input- भाषा से भी)
ये भी पढ़ें: