बेंगलुरु: पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बोलने का साहस नहीं दिखाने के लिए पार्टी के कार्यकर्ताओं पर निशाना साधते हुए सोमवार को अपने पूर्व के एक बयान की याद दिलायी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें गोमांस पसंद है.


सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘एक बार मैंने विधानसभा में कहा था कि मुझे गोमांस पसंद है, आप कौन होते हैं पूछने वाले? यह मेरा अधिकार है, भोजन को लेकर सबकी अपनी-अपनी पसंद है, आप सवाल करने वाले कौन होते हैं? आप नहीं खाते तो कोई बात नहीं मैं आपको मजबूर नहीं करूंगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं खाता हूं क्योंकि मुझे पसंद है, आप सवाल करने वाले कौन होते हैं? क्या आपको ऐसा कहने का साहस है.’’


कांग्रेस के स्थापना दिवस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि पार्टी के कई सहयोगी परिणाम या विवाद की आशंका के चलते कई मुद्दे पर रूख नहीं अपना पाते. गोहत्या रोधी विधेयक का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लोग यह मानकर चुप रह जाते हैं दूसरे लोग जो कह रहे हैं वह सही है. आपको इस तरह के भ्रम से निकलना चाहिए.’’


उन्होंने कहा कि गाय या भैंस की देखभाल पर हर दिन करीब 100 रुपये खर्च करने पड़ते हैं, किसान बूढी गायों और भैंसों को कहां भेजेंगे. उन्होंने सवाल किया, ‘‘उन्हें कौन रुपये देगा? किसान भी गायों की पूजा करते हैं.’’ संयोग से सिद्धरमैया का बयान ऐसे वक्त आया है जब राज्य मंत्रिमंडल ने गोहत्या विरोधी विधेयक को लागू करने के लिए एक अध्यादेश लाने का फैसला किया है.


राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने पिछले दिनों कोडवा समुदाय के गोमांस खाने संबंधी अपनी टिप्पणी के लिए खेद जताया था. सिद्धरमैया ने कहा था कि कोडवा समुदाय और उनकी संस्कृति के लिए प्रति उनके मन में बेहद सम्मान की भावना है.


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