Siddhu Moose Wala Murder Case: दो और गिरफ्तारी, 18 साल के इस शूटर ने दोनों हाथों से दागी थी सिद्धू मूसेवाला पर गोलियां
स्पेशल सेल के सीपी एचजीएस धालीवाल ने बताया कि अंकित और सचिन को कश्मीरीगेट बस अड्डे के पास से रविवार देर रात लगभग 11 बजे गिरफ्तार किया गया. इनके पास से 2 पिस्तौल, मोबाइल और 19 कारतूस बरामद हुए.
Delhi Police Arrested Accused In Siddhu Moose Wala Murder: दिल्ली पुलिस (DElhi Police) के स्पेशल सेल (Special Cell) ने सिद्धू मूसे (Siddhu Mosse Wala) वाला मर्डर केस में एक और अहम गिरफ्तारी की है. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) का दावा है कि सिद्धू मूसे वाला पर गोलियां चलाने वाले शूटरों में से एक अंकित सिरसा को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. सबसे अहम बात ये है कि अंकित की उम्र महज 18 साल है और उसने मूसेवाला पर सबसे ज्यादा गोलियां चलाई थी. दिल्ली पुलिस की माने तो अंकित ने मूसेवाला पर दोनों हाथों से गोलियां चलाई थी.
पुलिस ने अंकित के साथ सचिन भिवानी नामक एक और बदमाश को गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस का दावा है कि सचिन ने अंकित और अन्य बदमाशों को लॉजिस्टिक हेल्प उपलब्ध करवाई थी. इतना ही नहीं उसने इन सभी शूटरों को अलग-अलग राज्यों में छिपवाया था. पुलिस की माने तो लगभग 34 से 35 दिन की फरारी में सचिन ने इन बदमाशों को 34 से 35 जगह बदलवाईं थी.
कहां से की गई गिरफ्तारी?
स्पेशल सेल के स्पेशल सीपी एचजीएस धालीवाल ने बताया कि अंकित और सचिन को कश्मीरीगेट बस अड्डे के पास से रविवार देर रात लगभग 11 बजे गिरफ्तार किया गया. इनके पास से पंजाब पुलिस की 3 वर्दियां, 2 पिस्तौल, दो मोबाइल और 19 कारतूस बरामद हुए हैं.
अंकित और सचिन पर क्या आरोप हैं?
स्पेशल सेल में स्पेशल सीपी एचजीएस धालीवाल ने बताया कि 29 मई को सिद्धू मुसेवाला की हत्या की गई थी. उनकी हत्या मानसा में की गई थी. इस हत्या के मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के बाद पहले 19 जून को प्रियव्रत उर्फ फौजी ,कशिश और केशव को अरेस्ट किया गया था.
प्रियव्रत बोलेरो मोड्यूल का हेड था. इनकी अरेस्ट के बाद हमारी टीम लॉजिस्टिक सपोर्ट देने वाले गुर्गों को देख रही थी. इसी क्रम में रविवार देर रात 11 बजे के आसपास हमारी टीम ने अंकित और सचिन को गिरफ्तार किया. सचिन ने इन शूटरों को मध्यप्रदेश, झारखंड, यूपी, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान समेत एनसीआर में भी शरण दिलवाई थी.
विदेशों से मिल रहे थे निर्देश
स्पेशल सीपी एचजीएस धालीवाल के अनुसार 28 मई को गोल्डी बराड़ ने कॉल किया था कि कल वारदात को अंजाम देना है. उसने प्रियव्रत से भी बात की थी. इस हत्याकांड में जो हथियार इस्तेमाल किये गए थे, वारदात के 2 दिन बाद एक आदमी इनसे ले गया था.
गोल्डी बराड़ को रेकी कर ये जानकारी तक दी गयी थी कि सिद्धू कब अकेला है और कब वह दोस्तों के साथ जा रहा है. गोल्डी ने इन बदमाशों को सिद्धू के घर के बड़े दरवाजा को खोलने के लिए की कॉल भी की थी क्योंकि उस समय घर पर सुरक्षा नहीं होने की जानकारी गोल्डी को दी गई थी.
फरारी के दौरान फौजी और अंकित 2 जून से लेकर 7 जून तक कच्छ एरिया में रुके थे. इसके अलावा ये लोग हरियाणा के फतेहाबाद, तोशाम के अलावा पिलन्दी, झारखंड में रुके थे. क्योंकि फौजी मास्क नहीं लगा रहा था इसलिए अंकित और दीपक मुंडी फौजी से अलग हो गए थे.
सचिन भिवानी है सबसे बड़ा लॉजिस्टिक सपोर्टर
दिल्ली पुलिस का दावा है कि सचिन इन शूटरों का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक सपोर्टर है. उसने सिद्धू मुसे वाला की हत्या के बाद से 4 शूटरों प्रियव्रत फौजी, अंकित, कशिश और केशव को लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया कराया था. मानसा से इनके भगाने से लेकर गाड़ी मुहैया कराना, अलग अलग राज्यों के अलग अलग शहरों में अलग अलग होटल में ठहराना सब कुछ सचिन ने करवाया. खाना-पीना समेत सभी अरेंजमेंट सचिन चौधरी के जरिए कराए गए थे. सचिन है जिसने इन बदमाशों को कच्छ, गुजरात केजो मुंद्रा पोर्ट तक इनका अरेंजमेंट करवाया था.
पुलिस से बचने के लिए रखी थी पंजाब पुलिस की वर्दी
पुलिस के अनुसार इनके पास से पंजाब पुलिस (Punjab Police) की तीन वर्दियां भी बरामद की गई हैं. पुलिस का दावा है कि सचिन और अंकित ने पंजाब पुलिस की वर्दी इसलिए रखी हुई थी कि अगर कहीं पकड़े जाने का खतरा हो तो ये लोग तुरंत ही पंजाब पुलिस की वर्दी पहन कर खुद को गिरफ्तारी से बचा सकें.
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