Siddique Kappan Released: 'लोकतंत्र के लिए खतरा है UAPA', सिद्दीकी कप्पन का जिक्र कर शशि थरूर ने जताई चिंता
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सिद्दीकी कप्पन की रिहाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने कहा कि कप्पन को इतने दिनों बाद रिहाई करना लोकतंत्र के लिए चिंताजनक है.
Shashi Tharoor On Siddique Kappan: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने यूपी की जेल में पिछले दो साल से जेल में बंद सिद्दीकी कप्पन की रिहाई की सराहना की. थरूर ने कहा कि कप्पन को गिरफ्तार करना यूएपीए के कानून का दुरूपयोग है और लोकतंत्र के लिए चिंताजनक है.
उन्होंने कहा कि यह स्थिति बेहद चिंताजनक है कि एक हमारे देश में एक ऐसा कानून यूएपीए है, जिसके जरिए सरकार किसी व्यक्ति को अनिश्चित काल तक और बिना आरोप के हिरासत में रख सकती है. यह लोकतंत्र के लिए चिंताजनक स्थिति है.
कौन हैं सिद्दीकी कप्पन?
केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को गुरुवार को जमानत पर रिहा किया गया था. करीब दो साल पहले यूपी के हाथरस में एक महिला की मौत के बाद कप्पन को हिंसा भड़काने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
कप्पन की यह रिहाई ईडी के मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में उनको जमानत दिए जाने के लगभग छह हफ्ते के बाद हुई. सितंबर में, सुप्रीम कोर्ट ने उनको गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक अन्य मामले में जमानत दी थी.
जेल से बाहर आने के बाद क्या बोले कप्पन?
कप्पन ने जेल से बाहर आने के बाद कहा कि मैंने संघर्ष किया. कप्पन का जेल के बाहर कुछ लोग इंतजार कर रहे थे जिसमें उनकी पत्नी और बेटा शामिल था. कप्पन ने कहा कि 28 महीने हो गए हैं. मैं काफी संघर्ष के बाद बाहर आया हूं. मैं खुश हूं.
तात्कालीन चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित के नेतृत्व वाली सुप्रीम कोर्ट ने कप्पन की रिहाई के आदेश दिए थे. कप्पन और तीन अन्य को अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था, जहां एक दलित महिला की बलात्कार के बाद मृत्यु हो गई थी.
रिहाई के बाद कांग्रेस ने किया एप्रिशिएट
सिद्दीकी कप्पन की रिहाई के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि आखिरकार संविधान के आर्टिकल 21 की जीत हुई. पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने कहा कि मुझे खुशी है कि अंत में संविधान की जीत हुई.
उन्होंने कहा कि निचली अदालत के जजों को न्यायिक हिरासत की मांग पर दूरदर्शिता के साथ विचार करना चाहिए, क्योंकि यह हिरासत वास्तव में सुनवाई पूरी होने से पहले जेल के समान है.
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