पंजाब के मशहूर सिंगर सिद्धू मूसावाला (Sidhu Moosewala) हत्याकांड के बाद सिद्धू मूसावाला के पिता बलकौर सिंह ने राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) को चिट्ठी लिखकर बेटे की हत्या की सीबीआई (CBI) से जांच कराने की मांग की है. सीएम मान को लिखी चिट्ठी में बलकौर सिंह ने कहा है कि सुरक्षा वापस लेने और इसका आकलन करने वालों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. साथ ही डीजीपी ने इसे हत्या को गैंगवार से जोड़ा है, जिससे हमारा पूरा परिवार परेशान है. अपने बयान के लिए डीजीपी को सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए. मूसावाला के पिता की इस चिट्ठी पर अब सीएम भगवंत मान ने बड़ा बयान दिया है.
सीएम ने की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराने की बात
सीएम भगवंत मान ने कहा है कि हत्या में शामिल किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. सीएम ने हत्याकांड की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करवाने की बात कही है. साथ ही उन्होंने डीजीपी के बयान पर भी स्पष्टीकरण मांगा है. इतना ही नहीं सीएम मान ने सिद्धू मूसावाला की सुरक्षा घटाने के फैसले पर भी जांच के आदेश दिए हैं.
सीएम को लिखी चिट्ठी में सिद्धू मूसेवाला के पिता ने किन-किन बातों का जिक्र किया?
- हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में मामले की जांच हो. राज्य सरकार से जांच में सीबीआई और एनआईए को शामिल करने को कहा.
- उन दोषी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करें, जिन्होंने उनके बेटे सिद्धू मूसेवाला की सुरक्षा कम करने का फैसला किया था.
- उनके बेटे ने दुनिया भर में राज्य का नाम कमाया था, लेकिन दुख की बात है कि पंजाब के डीजीपी ने इसे गंगवार का नतीजा बताकर मामले को दबाने की कोशिश की. उन्होंने मांग की कि डीजीपी को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए.
बता दें कि इससे पहले मूसावाला के पिता ने दावा किया था कि उनके बेटे सिद्धू को कई गैंगस्टर फिरौती के लिए फ़ोन पर धमकियां भेजते थे. गैंगस्टर लॉरेन्स बिशनोई गैंग ने भी उसे कई बार धमकियां भेजी. इसीलिए उन्होंने ने एक बुलेटप्रूफ़ फ़ॉरचूनर गाड़ी भी रखी हुई थी. मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने कहा कि रविवार को मेरा बेटा अपने घर से दो दोस्तों गुरविंदर सिंह और गुरप्रीत सिंह के साथ थार गाड़ी से निकला था. बुलेट प्रूफ़ फ़ॉरचूनर गाड़ी और गनमैन वो साथ लेकर नहीं गया. मैं उसके पीछे पीछे उसके सरकारी गनमैन लेकर दूसरी गाड़ी से गया था. रास्ते में मैने एक कोरोला गाड़ी को मेरे बेटे की थार का पीछे करते देखा, जिसमें चार नौजवान सवार थे. मेरे बेटे की थार जब जवाहर के गांव की फिरनी ( बाहरी रास्ता) के पास पहुंची तो वहां एक सफ़ेद रंग की बुलेरो गाड़ी पहले से खड़ी इंतज़ार कर रही थी. उसमें भी चार नौजवान बैठे थे. जैसे ही मेरे बेटे की थार उस बुलेरो गाड़ी के सामने पहुंची चारों हत्यारों ने थार पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं.
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