Sidhu Moosewala Murder Case: सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moosewala) हत्याकांड मामले में गिरफ्तार शूटर संतोष जाधव (Santosh Jadhav) ने पुलिस पूछताछ में बयान देते हुए कहा कि, "मैं सिद्धू मुसेवाला की हत्या में शामिल नहीं हूं. मैं उसकी की हत्या के दिन गुजरात में मुद्रा पोर्ट के पास एक होटल में था." दरअसल, सिद्धू मुसेवाला हत्याकांड में संतोष जाघव की क्या भूमिका थी इसकी जांच के लिए इस वक्त पुणे क्राइम ब्रांच की टीम मध्यप्रदेश और गुजरात में टीम भेजकर जानकारियां खंगालने में जुटी हुई है.


मामले की जांच में जुटे पुणे क्राइम ब्रांच (Pune Crime Branch) और ग्रामीण पुलिस के आला अघिकारियों के मुताबिक, संतोष जाघव को गिरफ्तार करने के बाद उससे पुछताछ में उसने सिद्धू मुसेवाला की हत्या में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया है. उसका कहना है कि सिद्धू मुसेवाला की हत्या के समय वो मानसा पंजाब में था ही नहीं. उसका कहना है कि, उसे केवल बलि का बकरा बनाया जा रहा है. 


हुलिया बदल कर किया होटल से चेकआउट


पुणे क्राइम ब्रांच के सुत्रों के मुताबिक, संतोष जाघव ने अपने बयान में कहा कि हत्या के दिन से 3 दिन पहले से लेकर 29 मई को हत्या के बाद तक कुल 7 दिन वो इसी होटल में रुका हुआ था. संतोष जाघव के बयान के मुताबिक, जब पंजाब पुलिस ने उसकी तस्वीरें जारी कर दी तो वो डर गया. उसे पकड़े जाने का डर सताने लगा जिसके बाद उसने अपने सर का बाल मुंडा लिए, मूंछ दाढ़ी सब निकाल दी और पहनावा बदल कर होटल से चेकआउट कर गया. ऐसे में उसकी बयान की जांच के लिए पुणे क्राइम ब्रांच की एक टीम मुद्रा पोर्ट के होटल में जांच करने के लिए रवाना की गई है.


नेपाल भागने की बनाई थी योजना


संतोष जाघव के मुताबिक माहौल खराब होता देख उसने नेपाल भागने की योजना बनाई लेकिन उसे अंदाजा था कि उसकी तस्वीरें हर जगह आ चुकी हैं. ऐसे में मुवमेन्ट करने पर वो पकड़ा जा सकता है इसलिए उसने भुज में अपने साथी नवनाथ सुर्यवंशी को सम्पर्क किया और कुछ दिनों तक उसकी छुपने की व्यवस्था करने को कहा. नवनाथ सुर्यवंशी ने भुज के मांडवी में एक खंडहरनुमा घर में उसके छिपने की पुरी व्यवस्था की. नवनाथ ने उसे अपना हैंडसेट भी दिया ताकि वो जल्द से जल्द निकल सकें. 


पुलिस ने किया गिरफ्तार


संतोष जाघव के मुताबिक उसे टीवी सोशल मिडिया या फिर हर जगह जारी उसकी तलाश की जानकारी नवनाथ सुर्यवंशी ही दे रहा था और दोनों वक्त का खाना और जरूरी चीजें भी नवनाथ ही अरेंन्ज कर रहा था. संतोष के मुताबिक उसके लिए समझना मुश्किल हो गया था कि किस पर भरोसा करना और किस पर नहीं. इसी बीच पुणे क्राइम ब्रांच की टीम ने उसके छिपे हुए इस ठिकाने पर रेड कर उसे गिरफ्तार कर लिया.


टीम मध्य प्रदेश रवाना हुई


पुणे क्राइम ब्रांच और पुणे पुलिस के आला अघिकारियों के मुताबिक, संतोष जाघव के दिए गए इस बयान के बाद उसी के साथ गिरफ्तार आरोपी नवनाथ सुर्यवंशी से पुणे पुलिस ने पुछताछ की जिसमें उसने बताया कि संतोष जाघव उसके पास 29 मई के 3-4 दिन बाद आया था जिसके बाद उसने संतोष जाघव की छिपने की जगह देने में मदद की. बिस्नोई गैंग से जुड़ी जानकारियों और उसके गैंग से जुड़े शूटरों और हथियारों की सप्लाई के रूट जानने के लिए एक टीम मध्य प्रदेश रवाना हुई है. 


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