पंजाब: कैबिनेट की बैठक आज, उठ सकता है सिद्धू के इस्तीफे का मुद्दा
सिद्धू ने हैदराबाद में कहा था, ''राहुल गांधी मेरे 'कप्तान' हैं. उन्होंने ही मुझे पाकिस्तान भेजा. राहुल गांधी कैप्टन (अमरिंदर सिंह) के भी कैप्टन हैं.''
नई दिल्ली: पाकिस्तान से देश वापस लौटे नवजोत सिंह सिद्धू और विवादों का साथ थम नहीं रहा है. सिद्धू की अमरिंदर सिंह के खिलाफ की गई टिप्पणी के बाद आज पंजाब कैबिनेट की बैठक में ये मुद्दा गरमा सकता है. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में सिद्धू के इस्तीफे की मांग भी हो सकती है. पंजाब कांग्रेस के कई नेताओं ने भी सिद्धू के बयान पर नाराजगी जतायी है. वहीं जानकारी के मुताबिक सिद्धू आज होने वाली इस बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे.
यह विवाद तब और गहरा गया जब सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘‘तथ्यों को तोड़-मरोड कर पेश करने से पहले आप तथ्यों को सही कर लें. राहुल गांधी जी ने मुझसे पाकिस्तान जाने को कभी नहीं कहा. पूरी दुनिया जानती है कि मैं (पाकिस्तानी) प्रधानमंत्री इमरान खान के निजी न्यौते पर पाकिस्तान गया.’’बचाव में उतरीं नवजोत कौर वहीं विवाद बढ़ता देख सिद्धू की तरफ से खुद उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू सामने आयी और सफाई दी. नवजोत कौर ने कहा, ''नवजोतजी हमेशा कहते हैं कि कैप्टन साहब उनके पिता की तरह हैं. हम यह बात हमेशा स्पष्ट रखते हैं कि कैप्टन साहब का सम्मान सभी चीजों से ऊपर है. सिद्धू का आधा-अधूरा नहीं बल्कि पूरा बयान पढ़ा जाना चाहिए.'
विरोध कर रहे मंत्रियों का क्या कहना? सिद्धू पर ग्रामीण एवं विकास मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, राजस्व एवं पुनर्वास मंत्री सुखविंदर सिंह सरकारिया और खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने हमला बोला. सोढ़ी ने कहा कि इस मुद्दे पर अन्य मंत्री भी अमरिंदर सिंह के साथ हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने जिन मंत्रियों से बातचीत की, वे अरुणा चौधरी एवं साधु सिंह धरमसोत हैं. हम सभी कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ पूरी मजबूती के साथ खड़े हैं.’’
क्या कहा था नवजोत सिंह सिद्धू ने? हैदराबाद में सिद्धू से जब संवाददाताओं ने मुख्यमंत्री की मंजूरी के बगैर पाकिस्तान जाने के बारे में पूछा था, तब उन्होंने उनका (अमरिंदर का) मजाक उड़ाया था. उन्होंने वहां कहा था, ‘‘राहुल गांधी मेरे ‘‘कप्तान’’ हैं. उन्होंने ही मुझे पाकिस्तान भेजा. राहुल गांधी कैप्टन (अमरिंदर सिंह) के भी कैप्टन हैं.’’ इस पर पंजाब के मंत्रियों ने कहा है कि यदि सिद्धू अमरिंदर सिंह को अपना कैप्टन नहीं समझते हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री की टीम छोड़ देनी चाहिए.