नई दिल्ली: रविवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन 'कोवीशील्ड' के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए भारतीय रेगुलेटर डीसीजीआई (ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) से अनुमति मांगी. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया दूसरी ऐसी कंपनी है, जिसने वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए अनुमति मांगी है. इससे पहले 4 दिसंबर को फाइजर ने कोरोना वैक्सीन के लिए डीसीजीआई से इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन की अनुमति के लिए अप्लाई किया था.
इस वैक्सीन का भारत में तीसरे चरण का ट्रायल अंतिम चरण में चल रहा है. वहीं, कुछ देशों में ये पूरा हो चुका और उसके कुछ डाटा के आधार पर ड्रग कंट्रोलर से इसके इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन की सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने अनुमति मांगी है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन ट्रायल और प्रोडक्शन कर रही है.
हाल में फाइजर कंपनी की mRNA वैक्सीन को यूके और बहरीन में इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन इजाजत मिल गई है. वहीं इस हफ्ते से यूके में वैक्सीन वहां के लोगों के लिए उपलब्ध होगी.
हाल ही में पीएम मोदी ने पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का दौरा भी किया था, जहां ये वैक्सीन तैयार हो रही है. जानकारी के मुताबिक कंपनी ने इस वैक्सीन के पहले से ही कई डोज तैयार कर लिए हैं. ऐसे में अनुमति मिलने के बाद वैक्सीन के जल्द उपलब्ध होने की संभावना है.
भारत में ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका और भारत बायोटेक - आईसीएमआर की वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है. वहीं रूस की स्पूतनिक वैक्सीन का दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है. वहीं Zydus कैडिला की वैक्सीन का पहले दो चरणों का ट्रायल पूरा हो चुका है.
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