Operation Devi Shakti: भारतीय सशस्त्र बलों की तरफ से 'ऑपरेशन देवी शक्ति' चलाया जा रहा है. इस ऑपरेशन के तहत अफगानिस्तान से एक सिख प्रतिनिधिमंडल जल्द भारत आने वाला है. ये प्रतिनिधिमंडल अपने साथ तीन पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब लेकर आएंगे. सरकार ने आज यानी शुक्रवार को लोकसभा में इसकी जानकारी दी. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से हिंदू और सिख समुदायों के करीब 110 लोगों को एक विशेष विमान से भारत लाया जा रहा है. इंडिया वर्ल्ड फोरम के एक बयान के मुताबिक, फ्लाइट में वहां फंसे भारतीय नागरिकों के साथ हिंदू और सिख समुदाय के व्यथित अफगान नागरिकों को लाया जा रहा है.
मालूम हो कि भारत ने अगस्त से लेकर अब तक फंसे हुए 500 से ज्यादा लोगों को अफगानिस्तान से निकाला है. इस साल 15 अगस्त को अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान ने कब्जा कर लिया था. इसके बाद से वहां सिखों की स्थिति दयनीय है. इससे पहले भी अफगानिस्तान से पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के तीन स्वरूप भारत पहुंचे थे, जिन्हें केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने प्राप्त किया था. अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के साथ ही कई देशों ने अपने-अपने लोगों को वहां से निकालने के लिए ऑपरेशन चलाया था.
16 अगस्त से शुरू किया गया है यह ऑपरेशन
इस दौरान भारत ने भी 'ऑपरेशन देवी शक्ति' के तहत उड़ाने शुरू की थीं. यह ऑपरेशन 16 अगस्त से ही शुरू किया गया गया था. इस मिशन की मॉनिटरिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते आ रहे हैं. वहीं, भारत सरकार ने अगस्त में एलान किया था कि वह अफगानिस्तान से इधर-उधर भाग रहे सिखों और हिंदुओं को आपातकालीन वीजा मुहैया कराएगी.
अफगानिस्तान में फंसे हुए लोगों पर मांगी गई थी जानकारी
विदेश राज्य मंत्री से आज अफगानिस्तान से फंसे हुए लोगों को निकाले जाने की जानकारी मांगी थी. इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा, "भारत सरकार ने ऑपरेशन देवी शक्ति के तहत 438 भारतीय सहित कुल 565 लोगों को अफगानिस्तान से निकाला है. कुछ भारतीयों ने विशेष अफगानिस्तान प्रकोष्ठ से कॉन्टैक्ट किया और अफगानिस्तान छोड़ने की इच्छा जाहिर की थी, जो अभी भी वहां फंसे हुए हैं. विशेष अफगानिस्तान प्रकोष्ठ बाकी फंसे हुए भारतीयों के साथ ही अफगान अल्पसंख्यक समुदाय के साथ भी संपर्क में है."
गौरतलब है कि अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपने दशकों चले मिशन पर विराम लगाते हुए इस साल अगस्त माह में अफगानिस्तान से वापस जाने का ऐलान किया था. इसके बाद तालिबान ने अगस्त में अपनी कार्रवाई तेज करते हुए देश की राजधानी काबुल पर कब्जा कर अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज हो गया था.
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