विमानन सुरक्षा नियामक बीसीएएस ने विमानन क्षेत्र के सिख कर्मचारियों को हवाईअड्डा परिसर के भीतर व्यक्तिगत रूप से कृपाण ले जाने की अनुमति दी है. एक दस्तावेज में यह जानकारी दी गई. नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के चार मार्च के उस आदेश की प्रमुख सिख निकाय शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी(एसजीपीसी) की निंदा की थी, जिसके तहत सिख विमानन क्षेत्र के कर्मचारियों को किसी भी भारतीय हवाई अड्डे के परिसर में व्यक्तिगत तौर पर कृपाण ले जाने से प्रतिबंधित किया गया था.


इसके बाद बीसीएएस ने 12 मार्च को इस प्रतिबंध को खत्म कर दिया. सिख धर्म मानने वाले लोग कृपाण धारण करते हैं.


बीसीएएस ने चार मार्च के अपने आदेश में कहा, “कृपाण केवल सिख यात्री व्यक्तिगत तौर पर ले जा सकता है, बशर्ते उसके फलक की लंबाई छह इंच से अधिक न हो और कुल लंबाई नौ इंच से अधिक न हो.” इसमें कहा गया था कि भारत के भीतर भारतीय विमानों में हवाई यात्रा करते समय कृपाण रखने की अनुमति है.


इसमें कहा गया, “यह अपवाद केवल सिख यात्रियों के लिए होगा जैसा कि ऊपर उल्लेखित है. और, किसी भी हितधारक या उसके कर्मचारी को हवाई अड्डे पर (सिख सहित) और किसी भी टर्मिनल, घरेलू या अंतरराष्ट्रीय में काम करने के लिए, व्यक्तिगत रूप से कृपाण ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.”


एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने नौ मार्च को नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक पत्र लिख कर कहा कि चार मार्च का आदेश सिख अधिकारों पर हमला था.


इसके बाद 12 मार्च को बीसीएएस ने चार मार्च के आदेश को शुद्धिपत्र जारी किया. शुद्धिपत्र ने उस अनुच्छेद को हटा दिया जिसमें सिख कर्मचारियों के किसी भी हवाई अड्डे पर कृपाण लाने पर रोक लगाई गई थी.


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