जम्मू-कश्मीरः किताबों और इतिहासों में दोस्ती के किस्से बहुत देखने और पढ़ने को मिलते हैं लेकिन बहुत ही कम ऐसा होता है कि जमीं पर दोस्त, दोस्त के लिए कुछ ऐसा कर जाए कि दुनिया याद रखे. दोस्त के लिए वादा करना और उसे निभाना कितना कठिन होता है ये हम सब जानते हैं लेकिन कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो अपने दोस्त के लिए जान की बाजी लगा देते हैं. कुछ लोग अपने दोस्त के लिए दुनिया के सारे रीति रिवाज को और बंधन तोड़कर अपने दोस्त के लिए कुछ भी कर गुजरते हैं.


दोस्ती के लिए कुछ लोग जाति-धर्म और सरहद को भी लांघ देते हैं. ऐसे लोग मदद करते हुए समय नहीं देखते हैं बस मदद करते हैं. ऐसे लोग समाज के लिए मिसाल बन जाते हैं. उनके किस्से लोगों के बीच सुनाए जाते हैं. उनकी दोस्ती की चर्चा होती है.


कुछ ऐसा ही हुआ है धरती के स्वर्ग कहे जाने वाले राज्य जम्मू-कश्मीर में. जम्मू में एक सिख लड़की अपनी मुस्लिम सहेली को बचाने के लिए अपनी किडनी दान करना चाह रही थी लेकिन परिजनों ने उसका विरोध किया. जिसके बाद वह मजबूर हो गई. दोस्ती की मिसाल कायम रखते हुए मंजोत सिंह कोहली ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है. जिससे कि वह अपने दोस्त की जान बचा सके.


जम्मू के उधमपुर इलाके की एक सिख सामाजिक कार्यकर्ता मंजोत सिंह कोहली (23) अपनी एक किडनी 22 वर्षीय मुस्लिम सहेली समरीन अख्तर को दान करने का फैसला किया है. समरीन राजौरी की रहने वाली है. मंजोत के इस कार्य से न सिर्फ समरीन की जिंदगी बच सकती है बल्कि समाज के लिए एक मिसाल भी बन सकती है.


कोहली ने कहा, ''हम पिछले चार साल से सहेली हैं और मैं भावनात्मक रूप से उससे जुड़ी हुई हूं. साथ ही, मानवता में मेरा दृढ़ विश्वास है जो मुझे मुझे किडनी दान करने के लिए प्रेरित कर रहा है.'' कोहली ने कहा कि उन्होंने बिना किसी देरी के यह प्रक्रिया पूरी करने के लिए अदालत का रुख किया है.


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