चंडीगढ़ः धर्मांतरण करवाने को लेकर एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. इस घटना में चंडीगढ़ जिला अदालत में एक 36 वर्षीय सिख व्यक्ति ने अपनी पत्नी और उसके रिश्तेदारों के खिलाफ याचिका दायर कर कहा है कि उसके बेटे को जबरन इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया जा रहा है. पति ने कोर्ट में बताया है कि उसकी पत्नी इस्लाम धर्म को मानती है. उन्होंने अपनी चाकिका में मांग की है कि उनकी पत्नी को ऐसा न करने का निर्देश जारी किया जाए.
सिविल जज रसवीन कौर की कोर्ट ने बचाव पक्ष को इस मामले में नोटिस जारी किया है. जज रसवीन कौन ने इस मामले में 20 जुलाई तक दूसरे पक्ष से जवाब दाखिल करने की बात कही है.
शख्स ने कोर्ट को बताया है कि वह धर्म और जन्म से सिख है जबकि उसकी पत्नी और ससुराल वाले जन्म से मुस्लिम हैं. सिख शख्स ने बताया है कि वह चंडीगढ़ का ही रहने वाला है. याचिका में कहा गया है कि वह अपना धर्म नहीं बदलना चाहता है.
चंडीगढ़ की अदालत में दायर याचिका में कहा गया है कि मेरी पत्नी धर्म बदलने के लिए मेरे ऊपर दबाव बना रही है. इसलिए मजबूर होकर मैंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
बता दें कि दोनों के बीच लव-मैरिज हुई है. याचिका में बताया गया है कि दोनों की सहमति के बाद अमृतसर के गुरुद्वारा साहिब में विवाह संपन्न करवाया गया था. याचिकाकर्ता का कहना है कि उन्हें इस बात का बिलकुल भी अंदाजा नहीं था कि शादी के बाद सिख धर्म छोड़ने के लिए मजबूर किया जा सकता है.
सपा नेताओं से अखिलेश यादव ने की कोरोना वैक्सीन लगवाने की अपील, पहले कर चुके हैं इनकार