अमेरिका के न्यूयॉर्क में सिख अलगाववादी नेता की हत्या की साजिश रचने के भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर गंभीर आरोप लगे हैं. बुधवार (29 नवंबर) को अमेरिकी न्याय विभाग ने आरोप लगाया कि निखिल गुप्ता ने सिख अलगाववादी की हत्या के लिए एक शख्स को 1 लाख डॉलर की सुपारी दी थी. 30 जून को निखिल चेक गणराज्य गया था, जहां उसको गिरफ्तार कर लिया गया. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि निखिल गुप्ता एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के इशारे पर यह काम कर रहा था, जो भारत में बैठकर निखिल को हैंडल कर रहा था.
निखिल गुप्ता को इस मामले में 10 साल तक की सजा हो सकती है. अमेरिकी कानून के मुताबिक, सुपारी देकर किसी की हत्या की साजिश रचने के लिए अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है. कब और कैसे की गई अलगाववादी नेता की हत्या की साजिश और कैसे पकड़ा गया निखिल गुप्ता, आइए जानते हैं जानते हैं अमेरिकी न्याय विभाग के दस्तावेजों में इन सवालों के जवाब-
कैसे रची गई सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश
अमेरिकी दस्तावेजों में भारत सरकार के एक कर्मचारी का जिक्र किया गया है, जिसका नाम नहीं बताया गया, लेकिन उसके लिए CC-1 का इस्तेमाल किया गया है. निखिल गुप्ता इस शख्स के इशारे पर ही काम कर रहा था. इसी साल मई में निखिल CC-1 के संपर्क में आया और उसे सिख अलगाववादी नेता की हत्या के लिए किलर ढूंढने का काम दिया गया.
दस्तावेजों में अलगाववादी नेता के नाम का भी खुलासा नहीं किया गया है. इसमें कहा गया कि यह शख्स भारतीय मूल का अमेरिकी नागरिक है, जो भारत सरकार के खिलाफ बयानबाजी करता रहता है. अमेरिका में एक संगठन भी चलाता है, जो भारत में सिखों के लिए अलग देश खालिस्तान समर्थन करता है. भारत में अलगाववादी नेता और इसका संगठन प्रतिबंधित हैं.
द फाइनेंशियल टाइम्स ने अज्ञात स्रोतों का हवाला देते हुए पिछले हफ्ते एक खबर प्रकाशित की थी, जिसमें उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों द्वारा प्रतिबंधित 'सिख फॉर जस्टिस' संगठन के गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश को विफल करने की बात कही गई थी. खबर में हत्या की साजिश में संदिग्ध रूप से शामिल होने को लेकर भारत सरकार को चेतावनी भी जारी की गई थी.
किसके कहने पर निखिल गुप्ता ने दी सुपारी
अमेरिकी दस्तावेजों में बताया गया कि CC-1 के कहने पर निखिल गुप्ता ने किलर ढूंढने के लिए एक शख्स से संपर्क किया. इस सोर्स ने निखिल को हत्या करने के लिए एक किलर 'हिटमैन' से मिलवाया और 1 लाख डॉलर में यह डील फाइनल हो गई. इस दौरान, CC-1 लगातार निखिल गुप्ता के टच में था और वह साजिश को लेकर निखिल को निर्देश देता था. CC-1 भी सिख अलगाववादी नेता की हत्या के लिए 1 लाख डॉलर देने को तैयार हो गया. 9 जून को किलर को 15,000 डॉलर कैश एडवांस पेमेंट के तौर पर दिए जाने की CC-1 और निखिल गुप्ता ने व्यवस्था की. CC-1 के सहयोगी ने मैनहट्टन में 15,000 डॉलर किलर को पहुंचाए थे.
अमेरिकी अधिकारी निकले किलर और सोर्स
निखिल गुप्ता ने हत्या करवाने के लिए जिस किलर से संपर्क किया वह अमेरिकी सरकार का अंडर कवर अधिकारी निकला और जिस सोर्स के जरिए वह किलर तक पहुंचा वह भी अमेरिकी सरकार के लिए काम करता है. ये दोनों ड्रग एनफोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (DEA) के लिए काम करते हैं. किलर डीईए का अंडर कवर ऑफिसर है.
लगातार CC-1 के संपर्क में था निखिल गुप्ता
जून, 2023 को CC-1 ने निखिल गुप्ता को बताया कि किसकी हत्या करवानी है. टारगेट सिख अलगाववादी का नाम, पता, फोटो, फोन नंबर और दिनचर्या की डिटेल निखिल को भेजी गईं, जिसे उसने किलर को ट्रांसफर कर दिया. CC-1 ने निखिल गुप्ता को निर्देश दिया कि वह प्लान से जुड़ा हर एक अपडेट उसको देता रहे. निखिल गुप्ता ने किलर को सिख अलगाववादी की जल्द से जल्द हत्या के निर्देश दिए थे.
निखिल ने किलर को यह भी निर्देश दिया कि भारत और अमेरिका की हाई-लेवल मीटिंग के दौरान साजिश को अंजाम न दिया जाए. जून में हत्या की साजिश रची गई थी और उसी समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका पहुंचे थे. जून में ही एक और सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई थी.
निज्जर भी था टारगेट
18 जून, 2023 को हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई. निज्जर की हत्या एक गनमैन ने की थी. जिस सिख नेता को मारने के लिए निखिल गुप्ता ने सुपारी दी थी, वह निज्जर का सहयोगी है. निज्जर भी खालिस्तान समर्थक था और भारत सरकार के खिलाफ खुलकर बोलता था. निज्जर की हत्या के अगले दिन 19 जून को निखिल गुप्ता ने किलर को बताया कि निज्जर भी टारगेट था. निज्जर के अलावा और भी कई लोग निशाने पर हैं. निज्जर की हत्या के बाद निखिल गुप्ता ने किलर से कहा कि अब इंतजार करने की जरूरत नहीं है और उसको टारगेट को लेकर एक न्यूज आर्टिकल भेजकर कहा कि अब ये हमारी प्राथमिकता है.
ऐसे पकड़ा गया निखिल गुप्ता
30 जून के आसपास निखिल गुप्ता चेक गणराज्य गया था जहां पर अमेरिकी अधिकारियों के अनुरोध पर चेक गणराज्य के अधिकारियों ने निखिल गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया. अमेरिका के साथ द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि के तहत चेक गणराज्य ने निखिल गुप्ता को गिरफ्तार कर हिरासत में भेज दिया था.