Sikkim Flash Floods: उत्तर-पूर्वी राज्य सिक्किम (Sikkim) में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ ने तबाही मचाई हुई है. आम नागरिकों से लेकर सुरक्षा में तैनात सेना के जवान भी इससे बुरी तरह से प्रभावित हैं. बावजूद इसके सेना राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई है. इस भीषण बाढ़ (Sikkim Flash Floods) में अब तक 40 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. इस बाढ़ (Flood) में फंसे हजारों लोगों को अब सेना ने हेलीकॉप्टर की मदद से बचाने की योजना बनाई है.
बाढ़ के बढ़ते प्रकोप के चलते सिक्किम सरकार ने एक और ग्लेशियल लेक (Glacial Lake Burst) के फटने को लेकर चेतावनी जारी की है. साथ ही सिक्किम घूमने आने वाले पर्यटकों (Tourists) को लेकर भी खास एडवाइजरी जारी की है. सरकार ने टूरिस्ट से आग्रह किया है कि वो हो सके तो अपनी यात्रा के प्लान को कुछ समय बाद बनाएं.
सेना के कैंप से विस्फोटकों और गोला-बारूद के बह जाने के खतरे का अंदेशा
सरकार ने आगाह किया है कि बाढ़ की वजह से सेना के कैंप से विस्फोटकों और गोला-बारूद के बह जाने के खतरे का अंदेशा है. इस कारण और सुरक्षा लिहाज से अपने यात्रा प्लान को फिलहाल विलंब से शुरू करें. सिक्किम प्रशासन ने लाचेन के पास शाको चो झील के फटने के खतरे की संभावना जताई है. इस अंदेशे के चलते प्रशासन ने आसपास रहने वाले लोगों को क्षेत्र से निकालने की कार्यवाही शुरू कर दी है.
बाढ़ में करीब 3,150 बाइकर्स भी फंसे
सिक्किम के मुख्य सचिव विजय भूषण पाठक का कहना है कि लाचेन और लाचुंग में करीब 3,000 से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं. इतना ही नहीं अक्सर एडवेंचर का शौक रखने वाले बाइकर्स भी बड़ी संख्या में फंस गए हैं. इनकी संख्या करीब 3,150 है. सीएस पाठक का कहना है कि आर्मी और एयरफोर्स हेलीकॉप्टरों की मदद से सभी को निकालने का प्रयास कर रही है.
बाढ़ में लापता हो गए कई सैनिक, तलाश में जुटी सेना
भीषण बाढ़ में कई सैनिक भी लापता हो गए हैं, जिनकी गहन तलाश की जा रही है. त्रिशक्ति कोर के जवान उत्तरी सिक्किम के चुंगथांग, लाचुंग और लाचेन के प्रभावित इलाकों में फंसे नागरिकों और पर्यटकों को चिकित्सा सहायता और टेलीफोन कनेक्टिविटी आदि प्रदान करने का काम कर रहे थे, लेकिन बाढ़ आने के बाद से ये सैनिक लापता हैं.
पावर प्लांट पर ऊर्जा मंत्रालय की बारीक नजर
बाढ़ की वजह से एनएचपीसी को हाइड्रोपावर प्लांट भी प्रभावित हुआ है. सरकारी स्वामित्व वाली जलविद्युत कंपनी एनएचपीसी अपने इन प्लांट्स को जल्द से जल्द फिर से शुरू करने की कोशिश में जुट गई है. ऊर्जा मंत्रालय अचानक आई बाढ़ के बाद से प्रभावित तीस्ता बेसिन पर बारीकी से नजर बनाए हुए है. मंत्रालय ने कहा कि बाढ़ का पानी कम होने के बाद वह सिक्किम में जलविद्युत परियोजनाओं को हुए नुकसान का गहन आकलन भी करेगा.
बाढ़ में राज्य के 11 पुल बहे
अचानक आई बाढ़ में राज्य के 11 पुलों को बड़ा नुकसान हुआ है. इनमें खासकर मंगन जिले में 8, नामची में दो और गंगटोक में एक पुल क्षतिग्रस्त हुआ है. इतना ही नहीं चार जिलों में पानी की पाइपलाइन, सीवेज लाइनें और 277 घर भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. उत्तरी सिक्किम में एनडीआरएफ की प्लाटून स्थानीय निवासियों को निकालने का भरसक प्रयास कर रही है.
सभी एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं
सिक्किम के सीएम प्रेम सिंह तमांग ने कहा कि आपदा से निपटने में सभी एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं. रात-दिन काम करके हालात को सामान्य करने का प्रयास किया जा रहा है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने का काम भी किया जा रहा है.
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