Sikkim News: पूर्वोत्तर भारत में चीन की बुरी नजर का इलाज करने के लिए भारत लगातार अपने सीमावर्ती इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रहा है. इसी दिशा में अब जल्द ही सिक्किम को पहली बार रेलवे लाइन से जोड़ा जा रहा है. इसके लिए पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के सिवोक इलाके से लेकर सिक्किम के रंगपो तक रेल लाइनें बिछाई जा रही हैं.
पूर्वोत्तर भारत जाने के लिए आज भी पश्चिम का मैनचेस्टर कहे जाने वाले सिलीगुड़ी तक ही रेल लाइन जाती है. भारतीय सेनाओं को भी इससे आगे जाने के लिए सड़क मार्ग का ही सहारा लेना पड़ता है. सिक्किम में चीन से लगती हुई भारत की सीमा का इलाका है- नाथुला, जो सिलीगुड़ी से 170 किलोमीटर की दूरी पर है.
तीन चरणों में बिछाई जाएंगी रेलवे लाइनें
भारत सरकार ने इस दूरी को तीन चरणों में बांट कर यहां चरणबद्ध ढंग से रेलवे लाइन बिछाने का फैसला किया है. पहले चरण के तहत सिलीगुड़ी से रंगपों तक रेल लाइन बिछाने का काम तेजी से चल रहा है. दूसरे चरण की डीपीआर रिपोर्ट तैयार हो रही है और तीसरे चरण की इनिशियल रिपोर्ट बनाने का सरकारी आदेश जारी कर दिया गया है.
रेलवे के अनुसार 2024 के दिसंबर महीने तक पहले चरण की रेल लाइन बिछा दी जाएगी यानी तब तक ट्रेनें सिलीगुड़ी से आगे रंगपो तक चलने लगेंगी. अभी ये दूरी सड़क मार्ग से 91 किलोमीटर की है जिसे पार करने में ढाई से तीन घंटे लग जाते हैं, लेकिन रेल मार्ग से सिलीगुड़ी सेरैंगपों जाने में सिर्फ़ आधा घंटा लगेगा.
पहले चरण में बनाई जा रही हैं 14 टनल और 13 ब्रिज
रेल से ये दूरी महज़ 45 किलोमीटर की है, लेकिन हिमालय का पहाड़ी इलाक़ा होने के कारण यहां 45 किलोमीटर की रेल लाइन बिछाने के लिए कुल 38.5 किलोमीटर की 14 टनल बनाई जा रही हैं. इसके अलावा इन टनलों को जोड़ने वाले 13 ब्रिज बनाए जा रहे हैं साथ ही पांच यार्ड भी बनाए जा रहे हैं.
प्रोजेक्ट मैनेजर मोहिन्दर सिंह ने बताया कि 38.6 किलोमीटर के कुल टनल में से 30 किमी की माइनिंग पूरी हो चुकी है. पिछले दो साल में, 5 यार्ड, 13 ब्रिज और 14 टनल हैं. इसमें यात्री और मालगाड़ी दोनों चलेंगी. ब्रॉडगेज लाईन डाली जा रही है. वहीं जलपाईगुड़ी सांसद राजू बिस्टा ने इस रेल प्रॉजेक्ट के सामरिक महत्व को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रिया कहा है.
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