रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की डील पर फिलहाल रोक लग गई है. दरअसल जेफ बेजोस की ऑनलाइन रिटेल कंपनी अमेजॉन की अपील पर सुनवाई करते हुए सिंगापुर की आर्बिट्रेशन कोर्ट ने रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच हो रही डील पर अंतरिम रोक लगाई है. रिलायंस ने फ्यूचर ग्रुप के रीटेल और होलसेल बिजनेस को खरीदने के लिए 24,713 करोड़ रूपये में सौदा किया है.


रिलायंस ने जारी किया मीडिया नोट


कोर्ट के आदेश के बाद रिलायंस ग्रुप की ओर से मीडिया नोट भी जारी कर दिया गया है. मीडिया नोट में कहा गया है कि, ‘रिलायंस रीटेल वेंचर्स लिमिटेड ( RRVL) को सिंगापुर कोर्ट के इस फैसले के बारे में जानकारी मिली है. रिलायंस रिटेल ने फ्यूचर रिटेल के बिजनेस और असेट्स के अधिग्रहण के लिए ट्रांजैक्शन पूरी तरह कानूनी सलाह लेकर ही किया है. इसमे भारतीय कानून का पूरा पालन किया गया है और इसी के तहत सभी अधिकार और बाध्याएं लागू हैं.’ इन्ही सब अधिकारों को ध्यान में रखते हुए बिना ज्यादा अविलंब के फ्यूचर ग्रुप के साथ जल्द से जल्द ट्रांजैक्शन पूरा करना चाहते हैं.


सिंगापुर अदालत ने सुनाया है फैसला


शनिवार को सिंगापुर की आर्बिट्रेशन कोर्ट (मध्यस्थता अदालत) में अमेजॉन की याचिका पर सुनवाई हुई. इस मामले में अमेजॉन का कहना है कि फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस के साथ करार कर उसके साथ हुई डील का उल्लंघन किया है. बहरहाल इस मामले में एकमात्र मध्यक्ष वीके राजा ने अमेजॉन के पक्ष में अंतरिम फैसला सुनाया है. फिलहाल फ्यूचर ग्रुप को जब तक इस मामले में मध्यस्थता अदालत अंतिम फैसला नहीं सुना देती तब तक डील रोकने के लिए कहा गया है. वहीं अमेजॉन ने एक बयान जारी कर कहा कि वह आर्बिट्रेशन कोर्ट के फैसले का स्वागत करता है


क्या है अमेजॉन-फ्यूचर का डील मामला


बता दे कि पिछले वर्ष अमेजॉन ने किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप की कंपनी फ्यूचर कूपन्स लिमिटेड में 49 फीसद की हिस्सेदारी खरीदी थी. इस कंपनी के पास फ्यूचर रिटेल की भी 7.3 फीसदी की हिस्सेदारी है. इसी के बिजनेस को किशोर बियानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह को बेचा है. जिसके  खिलाफ अमेजॉन ने मध्यस्थता कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.


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