Moose Wala Murder: पुलिस रिमांड में भेजे गए दीपक मुंडी समेत दोनों आरोपी, नेपाल से किए गए थे गिरफ्तार
Sidhu Moose Wala Murder Case: दीपक मुंडी (Deepak Mundi) कुछ ऑनलाइन ऐप के जरिए मास्टरमाइंड कनाडा के गैंगस्टर सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बरार (Goldy Brar) के सीधे संपर्क में था.
Deepak Mundi Sent to Police Remand: पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose Wala) की हत्या के मामले में मनसा की एक अदालत ने छठे शूटर दीपक मुंडी और उसके दो सहयोगियों को सात दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. पंजाब और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल (Delhi Police Special Cell) ने साथ मिलकर एक ज्वॉइंट ऑपरेशन चलाया, जिसके तहत दीपक मुंडी और उसके दो साथियों कपिल पंडित और राजेंद्र उर्फ जोकर को गिरफ्तार किया गया था.
दीपक मुंडी निशानेबाजों के हरियाणा मॉड्यूल का हिस्सा था, जिसने गायक को मार डाला. इन तीनों को पश्चिम बंगाल-नेपाल सीमा से पकड़ा गया. इसके बाद तीनों आरोपियों को रविवार यानी आज सुबह मानसा लाया गया और कोर्ट में पेश किया गया. इन तीनों को ही हवाई मार्ग से मोहाली लाया गया और खरड़ सीआईए थाने में रखा गया था.
दरअसल, मूसेवाला हत्याकांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) ने आरोपियों से पूछताछ करने के लिए 10 दिन के रिमांड की मांग की थी ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे कहां रुके थे और कैसे वे तीन महीने से अधिक समय तक अपराध करने के बाद पुलिस से बचने में सफल रहे.
गोल्डी बरार के संपर्क में था मुंडी
मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा कि मुंडी कुछ ऑनलाइन ऐप के जरिए मास्टरमाइंड कनाडा के गैंगस्टर सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बरार के सीधे संपर्क में था. उन्होंने कहा कि वे नेपाल के रास्ते देश से भागने की योजना बना रहे थे और उनके पास से कुछ नकली पासपोर्ट भी बरामद किए गए. इस बीच, बराड़ ने दावा किया कि मुंडी सहित तीनों को नेपाल पुलिस ने गिरफ्तार किया था न कि दिल्ली या पंजाब पुलिस ने.
29 मई को हुई थी मूसेवाला की हत्या
बता दें कि, 29 मई को छह निशानेबाजों ने मूसेवाला को गोली मार दी थी, जब वह अपने चचेरे भाई और एक दोस्त के साथ अपने पैतृक गांव मूसा से 10 किमी दूर मनसा के जवाहरके गांव जा रहा था. लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्य बराड़ ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली थी. वहीं, पंजाब पुलिस की एसआईटी ने 24 आरोपियों के खिलाफ अपने 1,850 पन्नों के आरोप पत्र में लिखा है कि मूसेवाला की हत्या बिश्नोई और बंबिहा गिरोहों के बीच बदला लेने की लंबी श्रृंखला का एक हिस्सा थी.
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