नोट पर वोट की राजनीति गरमाई ! AAP समर्थक रहे विशाल ददलानी ने भी की आलोचना, बोले- शासन में धर्म की कोई जगह नहीं
Politics on Indian Currency: तमाम राजनेताओं के बाद अब लोकप्रिय सिंगर विशाल ददलानी ने भी नोट को लेकर जारी विवाद पर अपना बयान जारी किया है. इससे पहले कई नेता इसे लेकर आप पर निशाना साध चुके हैं.

Vishal Dadlani On Arvind Kejriwal: अरविंद केजरीवाल के भारत की आर्थिक स्थिति को सुधारने के तरीके के रूप में नोटों में देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की तस्वीर लगाने की मांग पर बवाल बढ़ता ही नजर आ रहे है. तमाम राजनेताओं के बाद अब लोकप्रिय सिंगर ने भी इस विवाद से अपना नाम जोड़ लिया है. विशाल ददलानी ने अरविंद केजरीवाल की इस मांग की आलोचना की है. हालांकि, वह नाम लेने से बचते हुए नजर आए.
बिना किसी का नाम लिए विशाल ददलानी ने ट्वीट किया कि भारत का संविधान कहता है कि हम एक धर्मनिरपेक्ष समाजवादी गणराज्य हैं. इसलिए, शासन में धर्म का कोई स्थान नहीं होना चाहिए. हालांकि, उनके इस बयान से साफ है कि उन्होंने यह ट्वीट आप (AAP) के लिए ही किया है. क्योंकि यह ट्वीट केजरीवाल के वीडियो के बाद ही आया है, जिसमें उन्होंने भारत के आर्थिक सुधार के तरीके के रूप में देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की तस्वीरों को नोटों पर लगाने की बात कही थी.
The Constitution of India states that we are a Secular Socialist Republic.
— VISHAL DADLANI (@VishalDadlani) October 26, 2022
Hence, religion must have NO PLACE in governance.
To be completely clear, I have nothing to do with anyone who brings any part of any religion to any aspect of government.
Jai Hind. 🙏🏽
क्या है पूरा मामला
दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहा था कि भारतीय करेंसी पर गांधी जी की फोटो है, उसे ऐसे ही रहने दें लेकिन, दूसरी तरफ श्री गणेश जी और लक्ष्मी जी की फोटो लगानी चाहिए. देश की आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए बहुत प्रयास करना है. हमारे प्रयास तब फलते-फूलते हैं जब हमारे पास देवी-देवताओं का आशीर्वाद होता है. नोटों पर फोटो लगे तो पूरे देश को आशीर्वाद मिलेगा. उन्होंने कहा कि एक तरफ गणेश जी-लक्ष्मी जी और दूसरी तरफ गांधी जी की फोटो होनी चाहिए.
केजरीवाल की आलोचना
केजरीवाल ने एक मुस्लिम राष्ट्र का भी जिक्र किया था, जिसके नोट पर भगवान गणेश की तस्वीर है. उन्होंने कहा जब इंडोनेशिया कर सकता है, तो हम क्यों नहीं? केजरीवाल का यह सुझाव गुजरात, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली चुनावों से पहले आया है. इसके बाद इस बयान को लेकर राजनीति गरमा गई है. चारों तरफ उनकी आलोचना हो रही है.
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