नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान पिछले 15 दिनों से सिंघु बॉर्डर पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं और उन कानूनों को वापस लेने की मांग केंद्र सरकार से कर रहे हैं. किसानों को डर है कि नए कानून से निजी क्षेत्र को फायदा पहुंचेगा और उन्हें अपनी फसलों को कम कीमत पर बेचना पड़ेगा. इसके अलावा यह भी आशंका है कि किसानों को न्यूनतम समर्थम मूल्य से भी वंचित किया जा सकता है. सरकार और किसान संगठनों के बीच अब तक कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन सभी बैठकें बेनतीजा रही हैं.



सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की एकता के अलग- अलग रंग दिख रहे हैं. सेवादार खाना पीने से लेकर दवाई तक की सुविधाएं आंदोलनकारियों को निःशुल्क दे रहे हैं. कहीं कोका कोला, तो कहीं एपी फिज़ किसानों के आंदोलन में हर ब्रांड की कोल्ड ड्रिंक और बिस्कुट के पैकेट, बिसलेरी पानी इत्यादि सेवाभाव से बांटे जा रहे हैं. हज़ारों लोगों के लिए आलू, प्याज़, पालक के पकौड़े तैयार किये जा रहे हैं. करीब एक हज़ार लोगों के लिए एक घंटे में पकौड़े तैयार किये जा रहे हैं. सेवादार ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान बताया कि हम सुबह से रात तक रोज़ पकौड़े बना रहे हैं. ये सब सेवा वास्ते है.


हज़ारों लोगों के लिए अदरक, इलायची वाली चाय भी तैयार की जा रही है. खाने पीने की ज़रूरत के अलावा दवाईयां भी निःशुल्क ज़रूरतमंदों को डॉक्टरों की सलाह के बाद बांटी जा रही हैं.



लुधियाना के SPS अस्पताल ने कैम्प लगाया है, जहां डॉक्टर सतवंत एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान बताते हैं कि हमारे पास सारा फर्स्ट एड है. हम लोगों का बुखार, BP, शुगर इत्यदि चेक कर रहे हैं और हमारी 7 डॉक्टरों की टीम है.


किसान संगठनों ने 14 दिसंबर से देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है और आज दिल्ली-जयपुर हाईवे बंद करने और सभी टोल प्लाजा पर कब्जा करने का एलान भी किया है.


यह भी पढ़ें- 


महाराष्ट्र सरकार का आदेश- जींस-टीशर्ट पहनकर ऑफिस न आएं सरकारी कर्मचारी, चप्पलें पहनने पर भी रोक


जेपी नड्डा के काफिले पर हमले का मामला: बंगाल के मुख्य सचिव और DGP 14 दिसंबर को दिल्ली नहीं जाएंगे, MHA ने किया है तलब