नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि ऐसे सरकारी पुरुषकर्मी अब बच्चों की देखरेख के लिए छुट्टी लेने के हकदार हैं जो अकेले अभिभावक हैं. उन्होंने कहा कि 'सिंगल मेल पैरेंट' में ऐसे कर्मचारी शामिल हैं जो अविवाहित, विधुर या तलाकशुदा हैं. यह सरकारी कर्मचारियों के जीवन को आसान बनाने के लिए एक बड़ा सुधार कदम है.


केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस संबंध में आदेश कुछ दिन पहले जारी किया गया था, लेकिन किसी वजह से यह ज्यादा चर्चा में नहीं आ पाया.


चाइल्ड केयर लीव के साथ लीव ट्रैवल कन्सेशन का भी फायदा
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि चाइल्ड केयर लीव (CCL) पर रहते हुए कर्मचारी अगर चाहे तो लीव ट्रैवल कंसेशन (LTC) का भी फायदा उठा सकते हैं. कर्मचारी पहले साल सभी पेड लीव को चाइल्ड केयर लीव के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं. फिर अगले साल 80 फीसदी पेड लीव ही चाइल्ड केयर लीव के तौर पर इस्तेमाल की जा सकेंगी. साथ ही पैरेंट्स अब अपने दिव्यांग बच्चे की देखभाल के लिए चाइल्ड केयर लीव ले सकते हैं. इसके लिए बच्चे की उम्र की कोई सीमा नहीं होगी. पहले इसके लिए बच्चे की अधिकतम उम्र सीमा 22 साल तय की गई थी.


पुरुष सैन्य कर्मियों को भी चाइल्ड केयर लीव
केंद्र सरकार ने पिछले साल चाइल्ड केयर लीव का फायदा सिंगल पुरुष सैन्यकर्मियों को दिए जाने की मंजूरी दी थी. इससे पहले सीसीएल केवल रक्षा बलों में महिला अधिकारियों को ही दी जाती थी.


सीसीएल लेने के लिए पहले 40 प्रतिशत विकलांगता वाले बच्चे के मामले में 22 साल की आयु सीमा को हटा दिया गया था. साथ ही एक बार में सीसीएल लेने की न्यूनतम अवधि को 15 दिन की बजाय कम करके पांच दिन कर दिया गया था. इससे सिंगल (किसी भी कारण से जीवनसाथी के बिना जीवन बसर करने वाले) पुरुष सैन्यकर्मी सीसीएल का लाभ उठा सकते हैं. सिंगल पुरुष सैन्यकर्मी और रक्षा बलों की महिला अधिकारी भी 40 प्रतिशत विकलांगता वाले बच्चे के मामले में सीसीएल की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे और इसके लिए बच्चे की आयु की कोई सीमा नहीं होगी.


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