नई दिल्ली: 118 साल पुराने और यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज, कालका-शिमला नैरोगेज सैक्शन पर एक बार फिर से हॉप-ऑन हॉप-ऑफ सेवा शुरू कर दी गई है. और इसके साथ ही उत्तर रेलवे ने शिमला में पर्यटन सीजन की शुरूआत कर दी है.
क्या होती है हॉप-ऑन हॉप-ऑफ सेवा
हॉप-ऑन हॉप-ऑफ सेवा रेल यात्रियों के लिए एक प्रिवलेज सेवा है जिसमें किसी ख़ास रेल सेक्शन के रेल यात्रियों को कई तरह की आज़ादी मिल जाती है. अलग-अलग डेस्टिनेशन के लिए बार-बार टिकट नहीं ख़रीदना पड़ता है. एक टिकट पर दिन भर यात्राएँ की जा सकती हैं.
कालका-शिमला सैक्शन पर हॉप-ऑन हॉप-ऑफ सर्विस के फ़ायदे
उत्तर रेलवे के जीएम आशुतोष गंगल ने कालका-शिमला सैक्शन पर शुरू की गई हॉप-ऑन हॉप-ऑफ सेवा के इन मुख्य आकर्षणों को बताया-
1. इस सेवा के अंतर्गत पर्यटक एक ही टिकट पर कालका-शिमला सैक्शन के सभी पर्यटन स्थलों को देख सकते हैं. 2. यात्री किसी भी रेलगाड़ी के किसी भी डिब्बे में सीटों की उपलब्धता को देखते हुए सवार हो सकते हैं.
3. यात्री किसी भी स्टेशन से किसी भी रेलगाड़ी में चढ़ या उतर सकते हैं.
4. हॉप-ऑन हॉप-ऑफ सेवा के टिकट कालका-शिमला नैरोगेज सैक्शन के सभी स्टेशनों से जारी किया जाएगा.
हॉप-ऑन हॉप-ऑफ सेवा के अन्य नियम
1. हॉप-ऑन हॉप-ऑफ टिकट अहस्तांतरणीय है.
2. इस सुविधा का टिकट खरीदने के लिए यात्री को एक वैध पहचान-पत्र जैसे वोटर कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड, ड्राईविंग लाइसेंस, सरकारी प्रमाण-पत्र और किसी संस्थान द्वारा जारी छात्र प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा.
3. यात्री को यात्रा के दौरान उस प्रमाण-पत्र की मूल प्रति अपने साथ रखनी होगी और मांगे जाने पर दिखानी होगी. ऐसा न कर पाने वाले यात्रियों को बिना टिकट माना जाएगा और उनसे मौजूदा रेल नियमों के अनुसार प्रभार वसूला जाएगा.
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