Single Use Plastic: केन्द्र सरकार की योजना है कि 1 जुलाई से देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह से बैन कर दिया जायेगा. इसी तर्ज़ पर अब दिल्ली सरकार ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है. दिल्ली सरकार चरणबद्ध तरीक़े से सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से बैन लगाने की तैयारी कर रही है. सबसे पहले 1 जून से दिल्ली सचिवालय के सभी दफ़्तरों में इस पर प्रतिबंध लगाया जायेगा, इसके बाद पूरी दिल्ली में इसे बैन करने की तैयारी है. इसी मुद्दे को लेकर आज दिल्ली सचिवालय में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सिंगल यूज प्लास्टिक के अन्य विकल्पों पर काम करने वाले नए स्टार्ट-अप और सेल्फ हेल्प ग्रुप्स और संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक की.
इस बैठक के दौरान सिंगल यूज़ प्लास्टिक के अन्य विकल्पों को आम जनता में ज्यादा से अधिक बढ़ावा देने की कार्य परियोजनाओं पर चर्चा की गई. इस दौरान पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सिंगल यूज प्लास्टिक के अन्य विकल्पों पर काम करने वाले नए स्टार्ट-अप और सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के द्वारा लगाए गए स्टाल्स का भी जायज़ा लिया.
इस मौके पर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक के अन्य विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए सरकार नई ग्रीन स्टार्टअप पॉलिसी ला रही है. गोपाल राय ने बताया कि प्रदूषण को बढ़ावा देने में सिंगल यूज़ प्लास्टिक भी एक अहम भूमिका निभाता हैं. सिंगल यूज प्लास्टिक से जुड़ी चीजों के उपयोग को रोकने के लिए जागरुकता अभियान भी जरूरी है. इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए दिल्ली सरकार ने दिल्ली सचिवालय के सभी दफ्तरों में 1 जून से सिंगल यूज़ प्लास्टिक से उत्पादित सभी वस्तुओं को बैन करने की शुरुआत की हैं. गोपाल राय ने कहा कि सिंगल यूज़ प्लास्टिक को बैन करने से सरकार के सामने दो चुनौतियाँ भी हैं. जिसमें सबसे पहले सिंगल यूज़ प्लास्टिक के उत्पादन, सप्लाई और बिक्री से जुड़े लोगों की आय पर प्रभाव और दूसरा सिंगल यूज़ प्लास्टिक के अन्य विकल्पों को आम जनता तक पहुंचाना प्रमुख हैं.
सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने की तैयारी
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार जिस सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने की तैयारी कर रही है पहले उसे समझना भी ज़रूरी है कि आख़िर ये होता क्या है? दरअसल सिंगल यूज प्लास्टिक हम उन चीज़ों को कहते हैं, जब हम प्लास्टिक से बनी चीजों का सिर्फ एक बार इस्तेमाल कर इसे कचरे में फेंक देते हैं. जिसमें रोज़मर्रा की ज़रूरतों से जुड़ी चीजें शामिल होती हैं जैसे पॉलीबैग, प्लास्टिक के बने चम्मच, कटोरी, प्लेट या गिलास, घर में सजावट का समान या पानी की बोतलें. ये सभी चीजें सिंगल यूज प्लास्टिक में आती है जिसका हम आमतौर पर काफ़ी इस्तेमाल करते हैं और इनके कचरे से पर्यावरण को काफ़ी नुक़सान भी पहुंचता है.
घरेलू सजावट का सामान भी प्रदर्शनी में शामिल
अब सवाल ये उठता है कि अगर ये सभी चीजें बंद हो जायेगी तो फिर लोग इसके विकल्प के तौर पर किन चीजों का इस्तेमाल कर सकेंगे? इसी को ध्यान में रखते हुये दिल्ली सचिवालय में सिंगल यूज़ प्लास्टिक के अन्य विकल्पों पर काम कर रही 17 स्टार्ट अप्स और सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के लोगों ने आज एक प्रदर्शनी भी लगाई. जिसमें दिल्ली के अलग-अलग जिलों से आए प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. इस प्रदर्शनी में सिंगल यूज़ प्लास्टिक के अन्य विकल्प जैसे मिट्टी के बर्तन, कपड़े , पेपर और जूट से बने बैग्स , बायो डिग्रेडेबल चीज़ो से बनी क्राकरी को प्रदर्शित किया गया. इसके साथ ही रीसाइकल्ड प्लास्टिक से बनी चीज़ें जैसे तस्तरी, फूलदान, स्टैंड, फोटो फ्रेम्स, कंपोस्टेबल उत्पाद, पैकेजिंग से जुड़ी चीजें और घरेलू सजावट का सामान भी इस प्रदर्शनी में शामिल रहे.
इस दौरान पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह दिल्ली में बैन करने के लिए एमसीडी को भी सिंगल यूज़ प्लास्टिक की बिक्री से जुड़े दुकानों की एक लिस्ट बनाने के निर्देश जारी किए हैं ताकि वो भी सिंगल यूज़ प्लास्टिक के अन्य विकल्पों पर काम कर रहें स्टार्ट-अप्स के साथ जुडकर इसकी जगह दूसरे विकल्पों को बढ़ाने पर ध्यान दे.
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