नई दिल्लीः भारत 2020 में दुनिया में अमेरिका और चीन के बाद तीसरा सबसे बड़ा सैन्य खर्च करने वाला देश रहा. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI /सिपरी) द्वारा सोमवार को प्रकाशित लेटेस्ट सैन्य खर्च डेटाबेस के अनुसार, अमेरिका का वैश्विक स्तर पर सैन्य खर्च में 39 प्रतिशत हिस्सा, चीन का 13 प्रतिशत और भारत का हिस्सा 3.7 प्रतिशत है. सिपरी, वैश्विक स्तर पर सैन्य खर्च और हथियारों के व्यापार पर नजर रखता है.


अमेरिका ने 2020 में कुल 778 अरब डॉलर खर्च किए. चीन ने 252 अरब डॉलर और भारत का सैन्य खर्च 72.9 अरब डॉलर था. सभी तीनों देशों का सैन्य खर्च महामारी के दौरान भी 2019 की तुलना में ज्यादा रहा. 


2011 से 2020 तक अमेरिका का सैन्य खर्च घटा, भारत और चीन का बढ़ा
अमेरिका का सैन्य खर्च जीडीपी का 3.7 प्रतिशत था जबकि चीन का 1.7 प्रतिशत और भारत का 2.9 प्रतिशत था. 2011 से 2020 तक, अमेरिकी सैन्य खर्च में 10 प्रतिशत की गिरावट आई, लेकिन चीन के सैन्य खर्च में 76 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि भारत के सैन्य खर्च में 34 प्रतिशत की वृद्धि हुई.


सिपरी ने कहा कि एशिया और ओशिनिया में सैन्य खर्च "2019 की तुलना में 2020 में 2.5 प्रतिशत अधिक और 2011 की तुलना में 47 प्रतिशत अधिक था,  यह ट्रेंड 1989 से लगातार जारी है." चीन और भारत, दोनों का मिलाकर 2020 में इस क्षेत्र के कुल सैन्य खर्च का 62 प्रतिशत हिस्सा है.


पांच देशों का कुल सैन्य खर्च में 62 फीसदी हिस्सा
दूसरे सबसे ज्यादा सैन्य खर्च वालों में रूस 61.7 अरब डॉलर, यूके 59.2 अरब डॉलर, सऊदी अरब 57.5 अरब डॉलर,  जर्मनी 53 अरब डॉलर और फ्रांस 53 अरब डॉलर का नंबर आता है.  सिपरी ने लेटेस्ट आंकड़ों को जारी करते हुए कहा कि कुल "वैश्विक सैन्य खर्च पिछले साल बढ़कर 1981 बिलियन डॉलर हो गया और 2019 से की तुलना में 2.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई. 2020 में पांच सबसे बड़े सैन्य खर्च वाले देशों का हिस्सा कुल खर्च में 62 प्रतिशत रहा.”


 जीडीपी घटी, सैन्य खर्च बढ़ा
रिपोर्ट में कहा गया है कि "वैश्विक सैन्य खर्च में एक वर्ष में 2.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई. जबिक कोविड -19 के आर्थिक प्रभावों के कारण वैश्विक जीडीपी 4.4 प्रतिशत कम हुई है. "  रिपोर्ट के अनुसार इससे जीडीपी में सैन्य खर्च की हिस्सेदारी का 2020 में वैश्विक औसत 2.4 प्रतिशत तक पहुंच गया, जो 2019 में 2.2 प्रतिशत था.  
 


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