तिरुपति मंदिर के लड्डू में कैसे मिलाया गया 'बीफ फैट'? अब राज से पर्दा उठाने को सरकार ने बनाया यह प्लान
Tirupati Laddu Row: तिरुपति में भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर के प्रसाद के लड्डुओं में मिलावट मामले पर मचे घमासान के बीच एसआईटी का गठन किया गया है.
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Tirupati Laddu Row: तिरुपति में भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाए जाने का मामला हर गुजरते दिन के साथ तूल पकड़ रहा है. देशभर में इस मुद्दे पर आक्रोश है और लोग इस मामले की त्वरित जांच की मांग कर रहे हैं. वहीं अब आंध्र प्रदेश सरकार भी एक्शन मोड में है.
इसी क्रम में आंध्र प्रदेश सरकार ने तिरुपति में भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर में चढ़ाए जाने वाले लड्डू में कथित रूप से पशु चर्बी मिलाए जाने के मामले की जांच के लिए नौ सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) नियुक्त किया है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने हाल में आरोप लगाया था कि राज्य में युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) की पूर्ववर्ती सरकार ने श्री वेंकटेश्वर मंदिर को भी नहीं बख्शा और लड्डुओं को बनाने के लिए घटिया सामग्री एवं पशु चर्बी का इस्तेमाल किया गया.
एसआईटी करेगी जांच
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के आरोपों के बांद देश में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया और करोड़ों हिंदुओं की भावनाएं आहत हुईं. मुख्य सचिव नीरभ कुमार प्रसाद ने गुरुवार (26 सितंबर, 2024) देर रात जारी आदेश में कहा, ‘‘आंध्र प्रदेश सरकार ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की पवित्रता की रक्षा करने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत, पूरे मामले की विस्तृत और व्यापक जांच करने के लिए एक एसआईटी गठित करना आवश्यक समझा है.’’
कौन कर रहा एसआईटी का नेतृत्व?
टीटीडी तिरुपति में भगवान वेंकटेश्वर मंदिर का आधिकारिक संरक्षक है. मुख्यमंत्री ने 22 सितंबर को घोषणा की थी कि लड्डू में मिलावट किए जाने के आरोपों की जांच एसआईटी करेगी. एसआईटी का नेतृत्व गुंटूर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी और अन्य पुलिस अधिकारी कर रहे हैं.
YSR कांग्रेस ने क्या कहा?
वाईएसआरसीपी नेताओं ने कहा कि ऐसी एजेंसी से आरोपों की जांच कराना पर्याप्त नहीं है जो मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करती है और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराए जाने की मांग की. इससे पहले पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता पी सुधाकर रेड्डी ने कहा था कि लड्डू संबंधी आरोपों की जांच नायडू के अधीन काम करने वाली एजेंसी को नहीं करनी चाहिए.
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